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पाकिस्तान पर अफगानिस्तान का बड़ा हमला: टीटीपी के बाद नया संकट

पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के हालिया हमले ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। टीटीपी के हमलों के बाद, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर एक बड़ा आक्रमण किया है, जिसमें कई सैनिकों की मौत का दावा किया गया है। सऊदी अरब और कतर ने इस संघर्ष पर चिंता जताई है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। जानें इस जटिल स्थिति का क्या असर होगा।
 

पाकिस्तान पर अफगानिस्तान का हमला

पाकिस्तान, जो कभी दूसरों के घरों में आग लगाने का काम करता था, अब खुद चारों ओर से धुएं में घिरा हुआ है। टीटीपी के हमलों के बाद, अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान पर एक गंभीर हमला किया है, जिसने उसकी जमीन और आसमान दोनों को संकट में डाल दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, यह पाकिस्तान पर दूसरा बड़ा आक्रमण है। अफगान सेना ने पाकिस्तान के आठ स्थानों पर हमला किया है। डूरंड लाइन पर, अफगान सेना ने पहले से ही दीवाली मनाना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान का दावा है कि उसने पाकिस्तान के 58 सैनिकों को मार गिराया है और तीन सैनिकों को अगवा कर लिया है, साथ ही 25 पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।


सऊदी अरब और कतर की प्रतिक्रिया

अफगानिस्तान के इस हमले के बाद, सऊदी अरब और कतर ने भी बयान जारी किए हैं, जिससे पाकिस्तान की स्थिति और भी कमजोर हो गई है। कुछ समय पहले, पाकिस्तान सऊदी अरब और कतर का नाम लेकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब अफगानिस्तान ने उसे जमीन पर ला दिया है। सऊदी अरब ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ एक डील की थी, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान पर हमला, सऊदी अरब पर भी हमला माना जाएगा। लेकिन अब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर हमला कर दिया है, जिससे सऊदी अरब की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।


संघर्ष पर चिंता

सऊदी अरब और कतर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते संघर्ष पर चिंता व्यक्त की है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने 11 दिसंबर को कहा कि वह इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव और झड़पों को लेकर चिंतित है। कतर के विदेश मंत्रालय ने भी इस तनाव के क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर संभावित प्रभावों के बारे में चिंता जताई है। दोनों देशों ने बातचीत और संयम बरतने की अपील की है।


टीटीपी और अफगान तालिबान का संबंध

पाकिस्तान अफगान अधिकारियों पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सदस्यों को शरण देने का आरोप लगाता है, जो पाकिस्तान में घातक हमलों के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, काबुल इस आरोप को खारिज करता है और कहता है कि वह अपनी ज़मीन का उपयोग किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने देगा। टीटीपी, जो एक अलग समूह है, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा अफगान तालिबान का सहयोगी माना जाता है, 2000 के दशक के अंत से पाकिस्तान में कई घातक हमलों के पीछे रहा है।