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पाकिस्तान में बाढ़ से इंटरनेट सेवा ठप, डिजिटल संकट का सामना

पाकिस्तान में हालिया बाढ़ ने न केवल जानें ली हैं, बल्कि देश को एक गंभीर डिजिटल संकट में भी डाल दिया है। 21 अगस्त 2025 को इंटरनेट सेवाएं ठप हो गईं, जिससे व्यापार और सामान्य जीवन प्रभावित हुआ। विशेषज्ञों ने इसे तकनीकी आपदा करार दिया है। लगभग दो-तिहाई इंटरनेट उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ है, और उद्योग संगठन ने सुधार की मांग की है।
 

पाकिस्तान में बाढ़ का प्रभाव

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हालिया विनाशकारी बाढ़ ने न केवल सैकड़ों लोगों की जानें ली हैं, बल्कि देश को एक गंभीर डिजिटल संकट में भी डाल दिया है। 21 अगस्त 2025 को, देशभर में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गईं, जिससे व्यापार, वित्तीय सेवाएं और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। विशेषज्ञों ने इसे हाल के वर्षों की सबसे बड़ी तकनीकी आपदा में से एक बताया है, जिसने पाकिस्तान के कमजोर डिजिटल बुनियादी ढांचे की वास्तविकता को उजागर किया है।


यूजर्स पर प्रभाव

वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, इस शटडाउन का असर लगभग दो-तिहाई इंटरनेट उपभोक्ताओं पर पड़ा, यानी हर तीन में से दो लोग प्रभावित हुए। यह चिंताजनक है कि ठीक इसी दिन, 21 अगस्त 2022 को भी बाढ़ के कारण फाइबर ऑप्टिक केबल में क्षति के चलते पाकिस्तान ने इसी तरह की इंटरनेट बंदी का सामना किया था। इस बार फिर से वही दिन और वही समस्या, सरकारी तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाता है।


इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरी

इस बार इंटरनेट ठप होने का मुख्य कारण बाढ़ के चलते इंटरनेट बुनियादी ढांचे को हुआ नुकसान बताया जा रहा है। वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शाहजाद अरशद ने इसे 'राष्ट्रीय विफलता' करार देते हुए कहा, “इंटरनेट का ठप होना अब पाकिस्तान में कोई असामान्य घटना नहीं रह गई है। 2025 में भी उसी तारीख को देश के बड़े हिस्से का ऑफलाइन होना सरकार के लिए चेतावनी है।” उन्होंने यह भी कहा कि इंटरनेट अब बिजली की तरह महत्वपूर्ण सेवा बन चुका है और हर घंटे की बंदी से पाकिस्तान को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी छवि भी प्रभावित हो रही है।


सुधार की आवश्यकता

उद्योग संगठन ने नियामकों से अपील की है कि वे इंटरनेट बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षेत्रीय इंटरनेट एक्सचेंज विकसित करने और बैकअप प्रणालियों में निवेश करने के लिए तुरंत कदम उठाएं। अरशद ने कहा, पाकिस्तान का डिजिटल भविष्य किसी एक विफलता का शिकार नहीं हो सकता। हमें बार-बार माफी नहीं, बल्कि ठोस सुधार की आवश्यकता है।


सेवाओं में सुधार की कोशिश

इस बीच, पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड (PTCL) ने अपनी सेवाओं में दिक्कत की बात स्वीकार की है और कहा है कि उनकी टीमें बहाली के लिए तेजी से काम कर रही हैं। इंटरनेट मॉनिटरिंग ग्रुप नेटब्लॉक्स ने भी पुष्टि की है कि राष्ट्रीय कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के केवल 20 प्रतिशत पर आ गई थी, जिसका सबसे अधिक असर बैकबोन ऑपरेटर पीटीसीएल पर पड़ा है।