पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भारत विरोधी रणनीति और ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में कराची में दिए गए भाषण में भारत के खिलाफ अपनी नई रणनीति का खुलासा किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी निराशा के बावजूद, वे अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं। इस लेख में जानें कि कैसे उन्होंने कश्मीर मुद्दे को उठाया और पाकिस्तान की नौसेना की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया। जानें कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को कैसे प्रभावित किया और भारत की सैन्य शक्ति को कैसे उजागर किया।
Jun 29, 2025, 16:30 IST
पाकिस्तानी सेना प्रमुख का नया रुख
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद काफी निराश दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, इस निराशा के बावजूद, वे भारत के खिलाफ अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए फिर से सक्रिय हो गए हैं। कराची की नौसेना अकादमी में दिए गए उनके हालिया भाषण ने उनकी रणनीति और मनोबल को स्पष्ट किया। उनका उद्देश्य न केवल नौसेना में अपनी लोकप्रियता बढ़ाना है, बल्कि भारत के खिलाफ माहौल को भी गरमाना है।खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, जनरल मुनीर का यह रुख कश्मीर में प्रॉक्सी युद्ध को जारी रखने की योजना का हिस्सा है। इसके साथ ही, वे पाकिस्तान की नौसेना पर अपने नियंत्रण को भी मजबूत करना चाहते हैं। इसलिए, उन्होंने भारत विरोधी बयानों को प्राथमिकता दी है। इस भाषण को पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व के लिए एक चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है।
कराची में अपने भाषण में, जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के उकसावे के बावजूद संयम बनाए रखा है और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में यदि कोई हमला होता है, तो पाकिस्तान उसका कड़ा जवाब देगा। यह बयान उस समय आया है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था।
ऑपरेशन सिंदूर के कारण पाकिस्तान को आर्थिक और सैन्य नुकसान उठाना पड़ा, जिसके बाद इस्लामाबाद ने युद्ध विराम के लिए भारत से संपर्क किया।
कश्मीर मुद्दे पर जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए एक न्यायसंगत और शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, जो क्षेत्र में स्थायी शांति की कुंजी होगा।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। भारतीय नौसेना ने कराची से लगभग 260 मील दूर अपनी रणनीतिक तैनाती कर पाकिस्तान के महत्वपूर्ण बंदरगाहों और आर्थिक केंद्रों को निशाना बनाया। कराची बंदरगाह पाकिस्तान के व्यापार का लगभग 60 प्रतिशत संभालता है, इसलिए इस पर हमला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ।
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की नौसेना की कमजोरियों को उजागर किया। यह असमर्थता ही थी जिसने पाकिस्तान को 10 मई को युद्ध विराम के लिए मजबूर किया। इस कार्रवाई ने भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता को भी प्रदर्शित किया।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेता भी शामिल थे। इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य शक्ति को एक नया परिचय दिया और पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया।