पी चिदंबरम के बयान से कांग्रेस को नया झटका
कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण समय
कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा 2014 में नरेंद्र मोदी पर दिए गए विवादास्पद बयानों का असर आज भी पार्टी पर महसूस किया जा रहा है। अब, पी चिदंबरम भी इसी राह पर चल रहे हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ये दोनों नेता कांग्रेस के सबसे शिक्षित सांसदों में से माने जाते हैं, लेकिन उनके पास व्यापक जनसमर्थन नहीं है। दोनों तमिलनाडु से हैं, लेकिन अय्यर का राजनीतिक करियर साफ-सुथरा रहा है, जबकि चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सजा काट चुके हैं। उनके परिवार पर अभी भी केंद्रीय एजेंसियों की नजर बनी हुई है। इसके बावजूद, कांग्रेस नेतृत्व ने पिता-पुत्र को पार्टी में जगह दी है। पी चिदंबरम राज्यसभा के सांसद हैं, जबकि उनके बेटे को शिवगंगा सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा गया था, जहां वे गठबंधन के कारण जीत गए।
चिदंबरम का विवादास्पद बयान
पी चिदंबरम ने कांग्रेस को एक गंभीर झटका दिया है। एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद, अमेरिका के दबाव में कांग्रेस सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने विस्तार से बताया कि उस समय की अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस ने भारत सरकार पर दबाव डाला कि पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। चिदंबरम के अनुसार, पूरी दुनिया का दबाव था और भारत का विदेश मंत्रालय भी युद्ध नहीं चाहता था, इसलिए मनमोहन सिंह की सरकार ने चुप्पी साधी। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। भाजपा हमेशा से कहती रही है कि कांग्रेस ने आतंकवादी हमलों का बदला नहीं लिया, जबकि भाजपा ने हर हमले के बाद पाकिस्तान को जवाब दिया। भाजपा का कहना है कि पहलगाम हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर भी अमेरिका और अन्य देशों का दबाव था, लेकिन उसने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। कांग्रेस के लिए इस स्थिति का सामना करना कठिन हो रहा है।