पीएम मोदी का नवरात्रि पर संबोधन: जीएसटी बचत उत्सव की घोषणा
नवरात्रि की शुभकामनाएं और जीएसटी सुधार की घोषणा
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को नवरात्रि की बधाई दी और 22 सितंबर से शुरू होने वाले 'जीएसटी बचत उत्सव' की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन से सूर्योदय के साथ नए जीएसटी सुधार लागू होंगे, जो सभी वर्गों को लाभ पहुंचाएंगे और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पीएम ने इसे कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार बताया, जो लोगों की बचत को बढ़ाने और उनकी पसंद की वस्तुएं खरीदने का अवसर प्रदान करेगा।
जयराम रमेश की तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस महासचिव का बयान
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा सरकार की कर नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया कि पीएम ने जीएसटी परिषद द्वारा किए गए संशोधनों का एकल स्वामित्व का दावा किया, जबकि यह एक संवैधानिक संस्था है। रमेश ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की मांग कर रही है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों का एक प्रमुख वादा था।
रमेश ने वर्तमान जीएसटी प्रणाली की आलोचना करते हुए इसे विकास को बाधित करने वाला कर बताया। उन्होंने कहा कि इसमें कई कर स्लैब, उपभोग की वस्तुओं पर उच्च दरें, व्यापक कर चोरी, महंगा अनुपालन और उलटा शुल्क ढांचा शामिल हैं। उनका कहना था कि सरकार का दावा कि सुधारों से देशवासियों को लाभ होगा, वास्तविकता से मेल नहीं खाता।
जीएसटी बचत उत्सव का महत्व
सभी वर्गों के लिए लाभकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'जीएसटी बचत उत्सव' से सभी वर्गों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि यह सुधार न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगा। मोदी ने कहा कि इस सुधार से करदाता की बचत बढ़ेगी और वह अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार वस्तुएं खरीद सकेगा। इसे देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
इस प्रकार, मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन नवरात्रि के अवसर पर उत्सव और कर सुधार को जोड़ता है, जबकि कांग्रेस ने इसे आलोचना का विषय बनाया है। दोनों दृष्टिकोणों ने जीएसटी सुधार और उनके संभावित प्रभावों पर बहस को जन्म दिया है।