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पीएम मोदी की ऐतिहासिक उपलब्धि: 17 विदेशी संसदों को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 विदेशी संसदों को संबोधित कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जो सभी कांग्रेस प्रधानमंत्रियों की संयुक्त संख्या के बराबर है। यह उपलब्धि उन्हें वैश्विक मंच पर एक प्रभावशाली नेता बनाती है। पीएम मोदी ने विभिन्न देशों की संसदों में भाषण देकर भारत के लोकतांत्रिक और विकास यात्रा को साझा किया है। जानें इस उपलब्धि के बारे में और किस प्रकार भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मान मिल रहा है।
 

प्रधानमंत्री मोदी का वैश्विक मंच पर प्रभाव

पीएम मोदी के विदेशी संसद संबोधन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक 17 अंतरराष्ट्रीय संसदों को संबोधित किया है, जो कि सभी कांग्रेस प्रधानमंत्रियों की संयुक्त संख्या के बराबर है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि उन्होंने जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में अपनी पांच देशों की यात्रा के दौरान घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और नामीबिया की संसदों में भाषण देकर हासिल की।

पीएम मोदी ने अकेले ही 17 बार विदेशी संसदों को संबोधित किया है। इससे पहले, कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों ने मिलकर यह संख्या प्राप्त की थी। दिवंगत मनमोहन सिंह ने 7 बार, इंदिरा गांधी ने 4 बार, जवाहरलाल नेहरू ने 3 बार, राजीव गांधी ने 2 बार, और पीवी नरसिम्हा राव ने 1 बार विदेशी संसद को संबोधित किया था।

भारत को वैश्विक स्तर पर मिला सम्मान

पीएम मोदी की यह उपलब्धि उन्हें भारत के सबसे सक्रिय और प्रभावशाली नेताओं में से एक बनाती है। इस उपलब्धि की विशेषता यह है कि उन्होंने विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देशों की संसदों में भाषण दिया है। यह दर्शाता है कि आज भारत को वैश्विक स्तर पर कितना सम्मान और महत्व प्राप्त हो रहा है। कई देश आज भी भारत की लोकतांत्रिक और विकास यात्रा को सुनना चाहते हैं।

अब तक पीएम मोदी ने निम्नलिखित देशों की संसदों में संबोधन दिया है:

•2014 – ऑस्ट्रेलिया, फिजी, भूटान, नेपाल की संविधान सभा
•2015 – ब्रिटेन, श्रीलंका, मंगोलिया, अफगानिस्तान, मॉरीशस
•2016 – अमेरिका की कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधन
•2018 – युगांडा की संसद
•2019 – मालदीव की संसद
•2023 – अमेरिका की कांग्रेस को दूसरी बार संबोधन
•2024 – गुयाना की संसद
•2025 – घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और नामीबिया की संसद