पीओके में आतंकवादियों के खिलाफ स्थानीय लोगों का संघर्ष
स्थानीय निवासियों का साहसिक कदम
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के एक गांव के निवासियों ने एक प्रमुख आतंकवादी और उसके साथियों को अपने क्षेत्र से भागने पर मजबूर कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े आतंकवादी रिज़वान हनीफ़ का सामना स्थानीय लोगों ने कुइयां गांव में किया, जिसके परिणामस्वरूप उसे और उसके हथियारबंद अंगरक्षकों को पीछे हटना पड़ा। यह घटना दर्शाती है कि समुदाय अब आतंकवादी तत्वों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो रहा है।
टकराव का कारण
यह टकराव श्रीनगर के हरवान में भारतीय सेना द्वारा मारे गए आतंकवादी हबीब ताहिर के अंतिम संस्कार के दौरान हुआ। ताहिर के परिवार की आपत्तियों के बावजूद, हनीफ अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, जिससे ग्रामीणों और आतंकवादियों के बीच तनाव उत्पन्न हुआ। इस घटना के बाद, कुइयां के निवासियों ने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सामूहिक रुख अपनाने के लिए एक पारंपरिक जिरगा बुलाने की योजना बनाई है।
आतंकवाद के प्रति बढ़ती असहिष्णुता
यह घटना पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी समूहों के प्रति जनता की घटती सहनशीलता का संकेत देती है। हाल ही में, सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर कड़ी कार्रवाई की है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सार्वजनिक उपस्थिति में कमी आई है।
आतंकवादी समूहों का गढ़
पाक अधिकृत कश्मीर (POK) दशकों से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों का गढ़ रहा है, जिन्हें पाकिस्तानी प्रतिष्ठान का मौन समर्थन प्राप्त है। ये समूह कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।