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पुतिन की भारत यात्रा: ब्रह्मोस मिसाइलों के विकास पर चर्चा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा गुरुवार से शुरू हो रही है, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के उन्नत संस्करणों के विकास पर चर्चा की जाएगी। यह यात्रा भारत और रूस के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जानें इस यात्रा के दौरान होने वाली चर्चाओं और संभावित समझौतों के बारे में।
 

पुतिन की भारत यात्रा और ब्रह्मोस मिसाइलों पर चर्चा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा गुरुवार से शुरू हो रही है। इस दौरान, भारत और रूस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के उन्नत संस्करणों के विकास पर बातचीत कर सकते हैं। ये मिसाइलें पाकिस्तान के खिलाफ चार दिवसीय ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय रक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई थीं।


रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत में ब्रह्मोस एनजी जैसे हल्के मिसाइलों के विकास की आवश्यकता महसूस की गई है, जिन्हें भारतीय वायु सेना के सभी प्रकार के लड़ाकू विमानों पर लगाया जा सकता है। इनकी क्षमता 400 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्यों को भेदने की है।


इसके अलावा, लंबी दूरी की मिसाइलों के संस्करणों को भी विकसित करने की आवश्यकता है, जो वर्तमान क्षमता से तीन गुना अधिक दूरी तक लक्ष्यों को भेद सकें।


सूत्रों ने बताया कि पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चर्चा होने की संभावना है। ब्रह्मोस मिसाइलें भारत और रूस के बीच एक पुराना और समय-परीक्षित सहयोग दर्शाती हैं।


पुतिन की यात्रा से पहले हुई बैठकों में, दोनों पक्ष हाइपरसोनिक मिसाइलों और लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं। भारत द्वारा एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के लिए 280 मिसाइलों के सौदे को मंजूरी दिए जाने की संभावना है।


भारत ने अपनी नौसेना और अन्य सेनाओं को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए हैं और फिलीपींस को इस मिसाइल का सफलतापूर्वक निर्यात भी किया है। इसकी सुपरसोनिक गति के कारण, दुश्मन सेना के लिए इसे रोकना बहुत कठिन है।