पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर वित्त मंत्री का स्पष्ट उत्तर
पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर वित्त मंत्री का स्पष्टीकरण
पुरानी पेंशन योजना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी स्पष्ट जानकारी: सरकारी कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से की जा रही पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग पर केंद्र सरकार ने अब एक स्पष्ट उत्तर दिया है। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार के पास OPS को फिर से लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि OPS के कारण सरकारी खजाने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता था, इसलिए 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की गई थी। सभी केंद्रीय कर्मचारी, सशस्त्र बलों को छोड़कर, NPS के अंतर्गत आते हैं।
UPS: NPS का नया विकल्प पुरानी पेंशन योजना
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने NPS में सुधार के लिए एक समिति का गठन किया था। उसी के सुझावों के आधार पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की गई है। UPS का मुख्य उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को गारंटीकृत पेंशन प्रदान करना है, साथ ही योजना को वित्तीय रूप से स्थिर बनाए रखना भी आवश्यक है।
UPS में परिवार की परिभाषा को इस तरह से तैयार किया गया है कि यदि कर्मचारी की मृत्यु या अक्षमता होती है, तो उन्हें CCS पेंशन नियम 2021 और एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी पेंशन नियम 2023 के तहत लाभ मिल सके।
UPS के लाभ और पात्रता
UPS के तहत, यदि कोई कर्मचारी कम से कम 25 वर्षों की सेवा पूरी करता है, तो उसे रिटायरमेंट पर पिछले 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यदि सेवा अवधि 25 वर्षों से कम है, तो पेंशन उसी अनुपात में कम होगी।
सरकार का यह कदम पेंशन योजना को वित्तीय रूप से स्थिर रखने और कर्मचारियों को निश्चित लाभ प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करने वाले कर्मचारियों के लिए यह उत्तर निराशाजनक हो सकता है।