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पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उम्र कैद, राजनीतिक हलचल तेज

पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, जिससे कर्नाटक में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अदालत ने उन्हें यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया। इस फैसले ने न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, खासकर राजनीतिक परिवारों के सदस्यों के लिए। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
 

प्रज्वल रेवन्ना को मिली उम्र कैद की सजा

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को हाल ही में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था। इसके साथ ही उन पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और पीड़ित महिला को सात लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। बेंगलुरु की विशेष अदालत ने शनिवार (2 अगस्त 2025) को प्रज्वल रेवन्ना को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(K) और 376(2)(N) के तहत सजा सुनाई है।


दोषी करार दिए जाने पर प्रज्वल की प्रतिक्रिया

सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत के जज संतोष गजानन भट ने प्रज्वल को यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के चार मामलों में से एक में दोषी पाया। सुनवाई के दौरान प्रज्वल घबराए हुए नजर आए और जब जज ने उन्हें दोषी ठहराया, तो वह रो पड़े। उन्होंने अदालत से कम सजा की मांग की थी। मामले की सुनवाई 18 जुलाई को पूरी हुई थी और फैसला 30 जुलाई को सुरक्षित रखा गया था। यह मामला हासन जिले के होलेनरसीपुरा में रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में काम करने वाली 48 वर्षीय महिला से संबंधित है। 2021 में महिला के साथ दुष्कर्म किया गया, जिसे आरोपी ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सितंबर 2024 में 113 गवाहों के बयानों के साथ 1,632 पन्नों का आरोपपत्र पेश किया था। अभियोजन पक्ष ने 26 गवाहों से पूछताछ की और 180 दस्तावेज प्रस्तुत किए।


चार मामलों की जांच जारी

चार अलग-अलग मामले दर्ज हैं

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चार अलग-अलग मामले दर्ज हैं, जिनकी जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था। ये मामले तब सामने आए जब प्रज्वल से जुड़े अश्लील वीडियो 26 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनाव से पहले प्रसारित हुए। एसआईटी ने होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस थाने में दर्ज एक मामले के सिलसिले में प्रज्वल को पिछले साल 31 मई को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था, जब वह जर्मनी से लौटे थे।


राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रिया

राजनीतिक हलचल तेज

प्रज्वल रेवन्ना को उम्र कैद की सजा मिलने के बाद राज्य में राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत किया है और जेडीएस से स्पष्ट रुख की मांग की है। हालांकि, देवगौड़ा परिवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह मामला न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है, और यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक परिवारों के सदस्यों को कानून के दायरे में लाने में न्याय व्यवस्था सक्षम है। इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि यदि पीड़िता में हिम्मत और न्यायपालिका में निष्पक्षता हो, तो किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को सजा दी जा सकती है।