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प्रधानमंत्री मोदी का इथियोपिया में ऐतिहासिक भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया की संसद में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत और इथियोपिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों देशों के बीच जलवायु और भावना में गर्मजोशी है। मोदी ने भारतीय कंपनियों के इथियोपिया में निवेश और द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने की बात की। उनके भाषण में अतीत के संबंधों से लेकर भविष्य की योजनाओं तक का जिक्र किया गया। जानें इस भाषण में और क्या खास था।
 

प्रधानमंत्री मोदी का इथियोपिया दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह वह 18वीं संसद है जहाँ उन्होंने अपना भाषण दिया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच जलवायु और भावना दोनों में गर्मजोशी है। उन्होंने उल्लेख किया कि लगभग 2000 साल पहले, हमारे पूर्वजों ने समुद्रों के पार संबंध स्थापित किए थे। हिंद महासागर के रास्ते व्यापारी मसालों और सोने के साथ यात्रा करते थे, लेकिन उन्होंने केवल सामान का व्यापार नहीं किया; विचारों और जीवनशैली का भी आदान-प्रदान किया। अदीस और धोलेरा जैसे बंदरगाह केवल व्यापार केंद्र नहीं थे, बल्कि सभ्यताओं के बीच पुल का काम करते थे। आज, हमारे संबंध एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जब 1941 में भारतीय सैनिकों ने इथियोपिया की स्वतंत्रता के लिए इथियोपियाई लोगों के साथ मिलकर संघर्ष किया। इस महान भवन में, आपके कानून निर्मित होते हैं, यहाँ लोगों की इच्छा राज्य की इच्छा बनती है, और जब राज्य की इच्छा लोगों की इच्छा से मिलती है, तो परियोजनाओं का पहिया आगे बढ़ता है


भारत-इथियोपिया संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आपके माध्यम से, मैं किसानों से, नवीन विचारों वाले उद्यमियों से, समुदायों को लीड करने वाली महिलाओं से, और इथियोपिया के युवाओं से बात कर रहा हूँ जो भविष्य को आकार रखते हैंउन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियाँ इथियोपिया में सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं। विभिन्न क्षेत्रों में 5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है और 75000 से ज्यादा नौकरियाँ सृजित की गई हैं। भारत-इथियोपिया द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का निर्णय लिया गया है। भारत का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' और इथियोपिया का राष्ट्रगान, दोनों हमारी मातृभूमि को सम्मानित करते हैं। यह हमें अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करने के लिए प्रेरित करते हैं। आज यहाँ खड़ा होना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है। इथियोपिया, शेरों की भूमि पर आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे यहाँ बहुत अपनापन महसूस हो रहा है, क्योंकि मेरा गृह राज्य गुजरात भी शेरों का घर है।