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प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल: एक साल की उपलब्धियों का विश्लेषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जून 2025 को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा करेंगे। इस दौरान भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जैसे आर्थिक मजबूती, ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद का मुकाबला, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार। जानें इस वर्ष की प्रमुख घटनाएँ और मोदी सरकार की नीतियों का प्रभाव।
 

प्रधानमंत्री मोदी 3.0: एक साल का सफर

प्रधानमंत्री मोदी 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जून 2025 को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा करने जा रहे हैं। इस बीच, सोमवार को उनके 11वें वर्ष का समापन भी होगा। ऐसे में पिछले एक साल की उपलब्धियों का अवलोकन करना आवश्यक है।


भारत के लिए वर्ष 2024-25 विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा। इस दौरान देश में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं, जिन्हें एक साथ बताना संभव नहीं है। इसलिए, हम यहां केवल उन 10 प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जो पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष को दर्शाते हैं।


महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में सफलता

नरेंद्र मोदी ने 9 जून 2024 को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। लेकिन एनडीए के सहयोग से, विशेषकर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के समर्थन से, मोदी ने तीसरी बार पीएम पद ग्रहण किया। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़ी जीत के बाद, बीजेपी ने दिल्ली में भी अपनी स्थिति मजबूत की। इसके बाद कई उपचुनावों में भी सफलता मिली। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी भी चल रही है।


भारत की आर्थिक मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक मजबूती हासिल की है। अब भारत अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत अपने व्यापार समझौतों को सुधारने में जुटा है, जिसमें ब्रिटेन के साथ FTA समझौता शामिल है, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 120 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है। कुल मिलाकर, भारत अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।


ऑपरेशन सिंदूर: भारत की शक्ति का प्रदर्शन

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी शक्ति और मानवता का परिचय दिया है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, जबकि भारतीय सेना ने केवल आतंकवादियों को ही लक्ष्य बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, बल्कि केवल आतंकवाद का जवाब दिया गया। यह नीति दर्शाती है कि भारत निर्दोषों की जान लेने का इरादा नहीं रखता।


अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मजबूती

प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आते ही विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने सभी देशों को बताया कि भारत अब काफी बदल चुका है। अपने पहले कार्यकाल से लेकर अब तक, पीएम मोदी ने विदेशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है। चाहे वह रूस हो या बांग्लादेश, भारत ने अपने रिश्तों को बनाए रखा है। गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के रिश्तों में तनाव आया, लेकिन सीमा गश्त समझौते के तहत दोनों देशों ने फिर से शांति स्थापित की है।


इस फैसले के बाद भारतीय यात्री मानसरोवर यात्रा के लिए जा रहे हैं। इसके अलावा, भारत ने अमेरिका के साथ भी अपने संबंधों को सम्मानजनक तरीके से बनाए रखा है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद व्यापार को लेकर कुछ मतभेद उत्पन्न हुए, लेकिन भारत इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा है।


इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि

पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मोदी सरकार ने वह किया, जिसका हर भारतीय को इंतजार था। उज्जैन, काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, अयोध्या से लेकर कश्मीर तक इंफ्रास्ट्रक्चर को विशेष बढ़ावा मिला है। कश्मीर की घाटी को रेल मार्ग से जोड़ा गया है। चिनाब पुल, अंजी रेल ब्रिज और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का उद्घाटन हो चुका है, जिससे कश्मीर की कनेक्टिविटी में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, महंगाई को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई है।