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फरीदाबाद रामलीला: राम का वन गमन और दशरथ का त्याग

फरीदाबाद के सेक्टर-12 में आयोजित रामलीला में राम, लक्ष्मण और सीता के वन गमन का मंचन किया गया। इस दौरान दशरथ का पुत्र वियोग में प्राण त्यागने का दृश्य दर्शकों को भावुक कर गया। कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से सभी का दिल जीत लिया। आधुनिक तकनीक के उपयोग की भी सराहना की गई। जानें इस भव्य आयोजन के बारे में और भी जानकारी।
 

फरीदाबाद में रामलीला का मंचन


फरीदाबाद में रामलीला का आयोजन। शहर के सेक्टर-12 में चल रही प्रसिद्ध रामलीला के पांचवे दिन राम, लक्ष्मण और सीता के वन गमन, भरत और शत्रुघ्न का ननिहाल से लौटना, कैकेयी और मंथरा को खरी-खोटी सुनाना, और दशरथ का पुत्र वियोग में प्राण त्यागने जैसे महत्वपूर्ण दृश्यों का मंचन किया गया। जब राम वन की ओर बढ़ते हैं, तो दशरथ को श्रवण के माता-पिता द्वारा दिया गया शाप याद आता है, जिसमें कहा गया था कि राजा एक दिन पुत्र वियोग में तड़प-तड़पकर मरेगा।


अभिनय की उत्कृष्टता

ऋषि वशिष्ठ और कौशल्या के लाख समझाने के बावजूद, दशरथ का दुख कम नहीं होता और वह अपने प्राण त्याग देते हैं। राजा दशरथ के किरदार में अजय खरबंदा और ऋषि वशिष्ठ के रूप में नेत्रपाल शर्मा ने बेहतरीन अभिनय किया। कौशल्या के रूप में दिव्या वशिष्ठ और कैकेई के रूप में असावरी वशिष्ठ का प्रदर्शन भी अत्यंत सराहनीय रहा। राम के किरदार में कुणाल चावला, सीता के रूप में योगंधा वशिष्ठ, लक्ष्मण के रूप में साहिब खरबंदा, शत्रुघ्न के रूप में प्रणव, और भरत के रूप में यश चांदना ने दर्शकों से तालियां बटोरीं।


इससे पहले, राम-केवट मिलन और लक्ष्मण तथा सीता के साथ राम के गंगा पार करने के दृश्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दृश्य में निर्देशक अनिल चावला ने केवट के रूप में भक्ति भाव से ओतप्रोत अभिनय किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।


आधुनिक तकनीक का उपयोग

बल्लभगढ़ से रामलीला देखने आए रोहन और अश्विनी भारद्वाज ने मंचन में आधुनिक तकनीक के उपयोग की सराहना की। वहीं, रामलीला का ऑनलाइन प्रसारण देखने वाले एलपी शर्मा ने कहा कि देश में श्रद्धा रामलीला जैसा भव्य मंचन शायद ही कहीं और देखने को मिले। इस रामलीला में सभी कलाकार नि:शुल्क काम करते हैं और इसे अपने लिए सौभाग्य मानते हैं।