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बरेली हिंसा पर सपा सांसदों का दौरा रोका गया, भाजपा सरकार पर आरोप

बरेली में पिछले हफ्ते हुई हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी के सांसदों का दौरा रोक दिया गया है। सपा सांसद इकरा हसन ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह संवैधानिक मूल्यों का पालन नहीं कर रही है। इस घटना ने यूपी की राजनीति में हलचल मचा दी है, और विपक्ष के नेता ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
 

बरेली में हिंसा के बाद सियासी हलचल

बरेली हिंसा: पिछले हफ्ते शुक्रवार को नमाज़ के बाद बरेली में हुई हिंसा ने यूपी की राजनीति में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में 14 सांसदों और विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने वाला था, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। इस पर सपा सांसद इकरा हसन ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है।

सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक और इकरा हसन ने शनिवार को बरेली के लिए प्रस्थान किया, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर इकरा हसन ने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि हमें किस कानून के तहत रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जंगलराज है और राज्य सरकार संवैधानिक मूल्यों का पालन नहीं कर रही है। मैं एक जनप्रतिनिधि हूँ और लोगों का दर्द साझा करने बरेली जा रही थी, लेकिन हमें रोक दिया गया।”

इससे पहले लखनऊ में पुलिस द्वारा रोके जाने पर विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा, “हमें जाने से रोका जा रहा है... यह कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं था... पुलिस ने खुद कानून-व्यवस्था को बिगाड़ दिया है... वे पक्षपाती हो गए हैं। यदि दो समुदायों में झड़प होती, तो मैं मानता कि कोई गंभीर घटना घटी है...”

उन्होंने आगे कहा, “जब हमने पुलिस से पूछा, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के बाद बड़े पैमाने पर अन्याय हुआ। एक व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है और चार को गिरफ्तार किया जा रहा है... वह समुदाय डरा हुआ है... वे प्रशासन और पुलिस से डरे हुए हैं। उनका दूसरे समुदाय से कोई झगड़ा नहीं है।”