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बांग्लादेश में उस्मान हादी की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में सड़कों को जाम कर दिया और कई समाचार पत्रों के दफ्तरों में आग लगा दी। हादी की मौत के बाद सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, जबकि सरकार ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
 

बांग्लादेश में अशांति का माहौल

बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए हैं, जहां ढाका में दो समाचार पत्रों के दफ्तरों में आग लगा दी गई। यह सब उस्मान हादी, जो शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के एक प्रमुख नेता थे, की मौत के बाद हुआ। प्रदर्शनकारियों ने शाहबाग चौराहे के आसपास की सड़कों को जाम कर दिया और हादी के लिए न्याय की मांग की। हादी की मौत सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुई, जहां वह छह दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्हें पिछले हफ्ते ढाका के बिजोयनगर में नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारी थी।


बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे "कुछ बाहरी तत्वों" द्वारा की जा रही हिंसा का विरोध करें, क्योंकि हादी का शव ढाका पहुंच चुका है। उनकी जनाज़े की नमाज़ शनिवार को संसद के इलाके में होने की उम्मीद है।


सुरक्षा बलों की तैनाती

हिंसक प्रदर्शनों के बीच कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों को ढाका के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है। BGB ने बताया कि हादी की हत्या के बाद सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं, इसलिए सैनिकों को एयरपोर्ट, कारवां बाजार, और होटल इंटरकॉन्टिनेंटल जैसे क्षेत्रों में तैनात किया गया है।


पुलिस के अनुसार, हादी का शव सिंगापुर से ढाका पहुंचने के तुरंत बाद, कट्टरपंथी कार्यकर्ताओं ने वामपंथी विचारधारा वाले उदिची शिल्पीगोष्ठी के मुख्य कार्यालय में आग लगा दी। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है।


विरोध प्रदर्शनों की बढ़ती लहर

बृहस्पतिवार रात को देश के विभिन्न हिस्सों में हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिसमें चट्टगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव भी शामिल है। ये घटनाएं मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस द्वारा हादी की मौत की पुष्टि करने के बाद हुईं। हादी का शव बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस की उड़ान से हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया।


एजेंसी के अनुसार, हादी के शव को हवाई अड्डे से बाहर ले जाते समय सुरक्षा बनाए रखने के लिए बांग्लादेश सेना और पुलिस के सदस्यों को तैनात किया गया था। युनूस ने शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।


हिंसा की घटनाएं और प्रतिक्रिया

बृहस्पतिवार को युनूस की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों पर हमला किया और राजशाही सिटी में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के कार्यालय को ध्वस्त कर दिया। चट्टगांव में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव किया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।


मैमनसिंह में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की हत्या कर दी गई, जिसे अंतरिम सरकार ने कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।


हादी की हत्या के बाद का माहौल

हादी की हत्या के बाद, उनके समर्थकों ने हवाई अड्डे से शाहबाग तक सड़क के दोनों ओर कतार में खड़े होकर उनका स्वागत किया। पिछले सप्ताह हादी को चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारी गई थी। प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए आरोप लगाया कि हादी के हमलावर भारत भाग गए।


एनसीपी के प्रमुख नेता ने कहा कि जब तक भारत हादी के हत्यारों को वापस नहीं करता, तब तक भारतीय उच्चायोग बंद रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में सांस्कृतिक समूह 'छाया नाट' के कार्यालय पर भी हमला किया।