बांग्लादेश में बढ़ती भीड़ हिंसा: बीएनपी ने उठाई चिंता की आवाज़
बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की गंभीरता
बांग्लादेश: बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की घटनाएं अब एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या बन चुकी हैं। प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पार्टी का मानना है कि यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह देश की सामाजिक संरचना और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है।
दक्षिणपंथी ताकतों का उभार
बीएनपी ने यह भी चेतावनी दी है कि पिछले वर्ष के राजनीतिक परिवर्तनों के बाद दक्षिणपंथी ताकतों का उभार बांग्लादेश के लिए नई चुनौतियाँ लेकर आया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि ये समूह खुलकर धमकियाँ दे रहे हैं और समाज में असहिष्णुता और कट्टरता का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
बीएनपी महासचिव की चिंता
बीएनपी महासचिव ने जताई चिंता
बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने एक साक्षात्कार में कहा, "यदि भीड़ हिंसा को नहीं रोका गया, तो यह देश के लिए अत्यंत हानिकारक होगा। कुछ समूह और व्यक्ति स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि जो लोग शरिया के खिलाफ कुछ भी बोलेंगे, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और महिलाओं पर नियंत्रण रखा जाएगा।"
लोकतांत्रिक समाज के लिए खतरा
लोकतांत्रिक समाज के लिए खतरा
आलमगीर ने स्पष्ट किया कि इन ताकतों का उदय उस समावेशी और उदार लोकतांत्रिक समाज के खिलाफ है, जिसे हम बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये तत्व पहले भी मौजूद थे, लेकिन 5 अगस्त 2024 के बाद से ये अधिक मजबूत हुए हैं और अब इनकी गतिविधियाँ खुलकर सामने आ रही हैं।
नई अंतरिम सरकार का गठन
नई अंतरिम सरकार और राजनीतिक परिदृश्य
वर्तमान में बांग्लादेश की सत्ता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के पास है। यह सरकार छात्रों द्वारा चलाए गए बड़े आंदोलन के बाद बनी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा।
अंतरिम सरकार ने आवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है और हसीना सहित शीर्ष नेताओं पर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों में मुकदमे चल रहे हैं। हसीना की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में सुनवाई चल रही है।
मीडिया पर सख्ती
मीडिया पर सख्ती और राजनीतिक संतुलन
पिछले महीने सरकार ने मीडिया संस्थानों को चेतावनी दी थी कि यदि वे हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित करेंगे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे हालात में आवामी लीग के निष्क्रिय होने के बाद बीएनपी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी है।
बीएनपी को एक मध्य-दक्षिणपंथी राजनीतिक संगठन माना जाता है। इसका नेतृत्व लंदन में रह रहे खालिदा जिया के बेटे और कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान कर रहे हैं। वहीं, उनकी 80 वर्षीय मां खालिदा जिया ढाका में रहती हैं।
हाल की घटनाओं से बढ़ी चिंता
हाल की घटनाओं से बढ़ी चिंता
बीएनपी महासचिव आलमगीर ने हाल ही में यह भी चेतावनी दी कि उदार राजनीति की जगह अतिवाद लाने की एक साजिश चल रही है। यह टिप्पणी उस समय आई जब बांग्लादेश में दो खौफनाक घटनाएं हुईं-
एक भीड़ ने सूफी दरवेश नूरा पागला की कब्र से शव निकालकर जला दिया और उनके मजार में तोड़फोड़ कर दी।
दूसरे समूह ने हसीना की सहयोगी जातीया पार्टी के केंद्रीय दफ्तर में आग लगा दी।