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बांग्लादेश में विद्रोह की आशंका, शेख हसीना की पार्टी का बड़ा कदम

बांग्लादेश में एक बार फिर से विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है। शेख हसीना की पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं और 13 नवंबर को बड़े विद्रोह की योजना बनाई जा रही है। इस बीच, बीएनपी और जमात जैसे राजनीतिक दलों के बीच टकराव भी बढ़ रहा है। जानें इस राजनीतिक संकट में भारत की भूमिका और आगे की संभावनाएं।
 

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट

बांग्लादेश में एक बार फिर से विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का तख्तापलट हो सकता है। जानकारी के अनुसार, यह तख्तापलट शेख हसीना की पार्टी द्वारा किया जा सकता है। पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं और सेना के कई अधिकारी भी यूनुस के खिलाफ खड़े हो गए हैं। खबरों के मुताबिक, 13 नवंबर को एक बड़ा विद्रोह होने की योजना बनाई जा रही है। शेख हसीना की पार्टी के कार्यकर्ता ढाका में लॉकडाउन लगाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसके चलते पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 142 से अधिक स्थानों पर 7000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।


राजनीतिक दलों के बीच टकराव

पिछले वर्ष अवामी लीग सरकार के पतन के बाद, बीएनपी और जमात विभिन्न मुद्दों पर एक-दूसरे के विरोधी बने रहे हैं। जमात और इस्लामवादी विचारधारा वाली आठ अन्य पार्टियों ने 11 नवंबर को ढाका में एक रैली आयोजित करने की घोषणा की है। उनकी प्रमुख मांगें जुलाई के राष्ट्रीय चार्टर को लागू करने और नवंबर के अंत तक उस पर जनमत संग्रह कराने की हैं। बीएनपी चाहती है कि जनमत संग्रह फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों के दिन ही हो। पार्टी ने पहले ही 237 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और चुनावी माहौल बनाने के लिए कार्यक्रम शुरू कर चुकी है।


मोहम्मद यूनुस की स्थिति

मोहम्मद यूनुस, जो कि अंतरिम सरकार के सलाहकार हैं, ने हालात को देखते हुए खुद को तैयार किया है। जब बांग्लादेश में स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा, तब वह दिल्ली में शरण ले चुकी हैं। यूनुस ने अपने घर को किले में तब्दील कर लिया है, ताकि वह किसी भी स्थिति का सामना कर सकें।


भारत की भूमिका

इस बीच, यह सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार शेख हसीना का समर्थन करेगी, जैसा कि पहले किया गया था। हसीना ने भारत में शरण ली थी और उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई थी। हालांकि, बांग्लादेश में उनकी स्थिति लगातार चुनौती में है। यदि मोहम्मद यूनुस की सरकार का तख्तापलट होता है, तो हसीना की वापसी संभव है। हसीना ने पीएम मोदी की कई बार प्रशंसा की है, और मोदी ने भी उन्हें अच्छे से स्वागत किया है।