बांग्लादेश में शेख हसीना पर छात्रों के प्रदर्शन के दौरान गंभीर आरोप
बांग्लादेश में प्रदर्शन और आरोप
बांग्लादेश में प्रदर्शन: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर छात्रों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के दौरान 'घातक कार्रवाई' का आदेश देने का गंभीर आरोप लगाया गया है। जुलाई 2024 में हुए इन प्रदर्शनों में लगभग 1,400 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों का मामला भी दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मार्च 2025 में लीक हुई एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में शेख हसीना को सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर घातक हथियारों का उपयोग करने का निर्देश देते हुए सुना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बातचीत 18 जुलाई 2024 को ढाका में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास गणभवन में हुई थी। इस ऑडियो में हसीना एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी से बात कर रही हैं और कह रही हैं कि पुलिस और सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों को 'जहां मिले, वहीं खत्म कर देना चाहिए।'
हसीना की भूमिका पर उठते सवाल
हसीना की भूमिका पर गंभीर सवाल
इस लीक ऑडियो के संबंध में अवामी लीग के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि वे इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते। हालांकि, इस ऑडियो के सामने आने के बाद हसीना की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। उन पर न केवल प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश देने, बल्कि नागरिकों के खिलाफ लक्षित हिंसा, साजिश, उकसावे और नरसंहार रोकने में विफल रहने जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं।
सख्त कार्रवाई की मांग
हसीना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने हसीना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, लेकिन अवामी लीग ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। हसीना वर्तमान में भारत में निर्वासन में रह रही हैं और उनके खिलाफ जांच प्रक्रिया जारी है। इस बीच, बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण ने पिछले वर्ष हुए हत्याकांड के संबंध में अब तक 203 लोगों को अभियुक्त बनाया है, जिनमें से 73 लोग हिरासत में हैं। इनमें कई पूर्व सरकारी और पुलिस अधिकारी शामिल हैं। ढाका विश्वविद्यालय और अन्य स्थानों पर छात्र प्रदर्शन अब भी जारी हैं, जहां प्रदर्शनकारी शेख हसीना को न्याय के कटघरे में लाने की मांग कर रहे हैं।