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बांग्लादेश में हिंदू व्यक्ति की हत्या: जबरन वसूली के आरोपों के चलते हिंसा

बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की हत्या के मामले में जबरन वसूली के आरोप लगे हैं। यह घटना राजबाड़ी में हुई, जहां मृतक अमृत मंडल को स्थानीय लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। सरकार ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है और इसे सांप्रदायिक हमला मानने से इनकार किया है। मंडल के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज थे। इस घटना के बाद पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
 

बांग्लादेश में हुई हत्या की घटना

बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है, जिसके पीछे जबरन वसूली के आरोप बताए जा रहे हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बृहस्पतिवार को सामने आई।


पिछले सप्ताह भी अल्पसंख्यक समुदाय के एक अन्य सदस्य की भीड़ द्वारा हत्या की गई थी।


‘द डेली स्टार’ के अनुसार, यह घटना बुधवार को राजबाड़ी शहर के पांग्शा उपजिला में हुई। मृतक की पहचान अमृत मंडल के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर एक आपराधिक गिरोह का हिस्सा था और जबरन वसूली तथा अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था।


सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने मंडल की हत्या की कड़ी निंदा की है और इसे सांप्रदायिक हमला मानने से इनकार किया।


स्थानीय लोगों ने मंडल की पिटाई की जब वह अपने समूह के सदस्यों के साथ एक निवासी के घर से वसूली करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर मंडल को बचाया।


उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे दोपहर दो बजे मृत घोषित कर दिया।


मामले की जांच और गिरफ्तारियां

सरकार ने बताया कि मंडल का शव पोस्टमार्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल के मुर्दाघर में भेजा गया है।


घटना के बाद मंडल के अधिकांश सहयोगी भाग गए, लेकिन पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके पास से आग्नेयास्त्र बरामद किए।


पुलिस के अनुसार, मंडल के खिलाफ कम से कम दो मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या का एक मामला भी शामिल था।


अंतरिम सरकार ने कहा कि वह किसी भी अवैध गतिविधियों या भीड़ द्वारा हिंसा का समर्थन नहीं करती है।


पिछली घटनाओं का संदर्भ

अंतरिम सरकार ने स्पष्ट किया कि यह घटना सांप्रदायिक नहीं है, बल्कि जबरन वसूली और अवैध गतिविधियों के कारण हुई।


सरकार ने कहा कि इस घटना में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


यह घटना एक हफ्ते बाद हुई है जब हिंदू समुदाय के दीपू दास की ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।


पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।


दास की हत्या के बाद ढाका और अन्य स्थानों पर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें श्रमिकों, छात्रों और अधिकार समूहों ने भाग लिया।