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बिलावल भुट्टो का UN मंच से झूठा दावा: हाफ़िज़ अब्दुर रऊफ़ आतंकवादी नहीं

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के मंच से यह दावा किया कि हाफ़िज़ अब्दुर रऊफ़ आतंकवादी नहीं हैं। हालांकि, ISPR द्वारा साझा की गई जानकारी और रऊफ़ की CNIC के सबूत इसके विपरीत हैं। जानें कैसे बिलावल का यह बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश है और रऊफ़ का आतंकवादी कनेक्शन क्या है।
 

बिलावल भुट्टो का विवादास्पद बयान

बिलावल भुट्टो का UN मंच पर झूठा बयान: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के मंच से यह दावा किया कि हाफ़िज़ अब्दुर रऊफ़, जिसे भारत ने आतंकवादी के रूप में पेश किया है, वास्तव में आतंकवादी नहीं है। उन्होंने कहा, "हाफ़िज़ अब्दुर रऊफ़, जिसकी छवि भारत हर जगह दिखा रहा है, आतंकवादी नहीं है।"


ISPR की गुमराह करने की कोशिश

इससे पहले, पाकिस्तान की सेना की मीडिया शाखा ISPR ने भी वैश्विक समुदाय को गुमराह करने का प्रयास किया था। हालांकि, ISPR द्वारा साझा की गई रऊफ़ की CNIC की कॉपी में नंबर और जन्म तिथि OFAC की प्रतिबंध सूची से पूरी तरह मेल खाते हैं। यह साक्ष्य स्पष्ट रूप से रऊफ़ की आतंकवादी गतिविधियों की ओर इशारा करता है।


रऊफ़ का आतंकवादी संबंध

रऊफ़ का आतंकी कनेक्शन

हाफ़िज़ अब्दुर रऊफ़ की CNIC से यह भी पुष्टि होती है कि वह पाकिस्तान मिल्ली मुस्लिम लीग (PMML) का सदस्य है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2 अप्रैल 2018 को MML को लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे के रूप में आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इस प्रकार, बिलावल का यह दावा कि रऊफ़ आतंकवादी नहीं है, न केवल गलत है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।


ध्यान भटकाने की रणनीति

ध्यान भटकाने की कोशिश

बिलावल ने यह सुझाव देकर विवाद को और बढ़ावा दिया कि रऊफ़ का नाम शायद किसी अन्य प्रतिबंधित व्यक्ति से संयोगवश मिलता-जुलता हो। लेकिन तथ्य बताते हैं कि रऊफ़ वही व्यक्ति है, जिसका CNIC रिकॉर्ड पहले ही उजागर हो चुका है। यह महज संयोग नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति थी, जिसके तहत पाकिस्तान को आतंकवाद से जोड़ने वाले सबूतों को नकारने की कोशिश की गई। पाकिस्तान का नाम बार-बार आतंकवाद से जुड़े दस्तावेजों में सामने आता है।