बिहार की छत पर बागवानी योजना: शहरी हरियाली का नया कदम
बिहार में छत पर बागवानी योजना का आगाज़
Chhat Par Bagwani Scheme bihar kisan news पटना | बिहार सरकार ने शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा देने और ताजगी से भरे जैविक फल-सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है।
इस योजना का नाम है छत पर बागवानी योजना 2025। इस योजना के तहत गमले और फार्मिंग बेड पर खेती करने वाले किसानों को 75% तक अनुदान प्रदान किया जाएगा। यदि आप अपने घर की छत को हरा-भरा बनाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। आइए, इस योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं।
छत पर बागवानी योजना 2025: हरियाली और स्वास्थ्य का उपहार
बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस योजना की घोषणा की है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ाना और लोगों को ताजगी से भरे जैविक फल-सब्जियां उपलब्ध कराना है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के लिए 3 करोड़ 17 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। प्रारंभिक चरण में यह योजना पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के नगर निगम क्षेत्रों में लागू की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी घरों की छतों पर खेती को बढ़ावा देना, प्रदूषण को कम करना और शहरों को और सुंदर बनाना है।
योजना का उद्देश्य और महत्व
इस योजना का प्रमुख लक्ष्य शहरी क्षेत्रों में छतों पर जैविक फल, फूल और सब्जियों की खेती को प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में शहरी जीवन में प्रदूषण और अशुद्ध खाद्य पदार्थों की समस्या बढ़ती जा रही है।
यह योजना लोगों को स्वस्थ और ताजा भोजन उपलब्ध कराने में मदद करेगी। इसके साथ ही, छत पर बागवानी से वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा, शहरों का तापमान नियंत्रित रहेगा और प्रदूषण में कमी आएगी। यह पहल न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाएगी, बल्कि शहरों की सुंदरता भी बढ़ाएगी और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगी।
योजना की संरचना और वित्तीय विवरण
इस योजना में दो मुख्य स्कीम शामिल हैं: गमला योजना और फार्मिंग बेड योजना। गमला योजना में 30 गमलों और पौधों की कुल लागत लगभग 10,000 रुपये है, जिसमें से 75% यानी 7,500 रुपये का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा। वहीं, फार्मिंग बेड योजना में प्रति यूनिट लागत 60,000 रुपये है, जिस पर 75% यानी 45,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। यह अनुदान एकमुश्त प्रकृति में प्रदान किया जाएगा।
योजना के तहत अनुदान की पहली किश्त के रूप में कुल अनुदान का 90% यानी 40,500 रुपये दिए जाएंगे। शेष 10% यानी 4,500 रुपये तब दिए जाएंगे जब लाभार्थी कार्य पूरा करके संतोषजनक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा। यह प्रक्रिया संबंधित एजेंसी द्वारा संचालित की जाएगी।
शहरी परिवारों के लिए लाभ
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस योजना के माध्यम से शहरी परिवार अपनी छतों पर ताजगी से भरी जैविक सब्जियां और फल उगा सकेंगे। इससे न केवल उनकी सेहत में सुधार होगा, बल्कि वायु गुणवत्ता में भी सुधार आएगा, तापमान नियंत्रित रहेगा और शहरों का प्राकृतिक सौंदर्य भी बढ़ेगा। यह योजना पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।