बिहार चुनाव में तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच बढ़ता सियासी टकराव
पटना में सियासी हलचल
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच राजनीतिक विवाद गहरा गया है। JJD के प्रमुख तेजप्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी को 'बच्चा' कहकर संबोधित किया और चेतावनी दी कि यदि तेजस्वी उनके क्षेत्र में प्रचार करेंगे, तो वह भी राघोपुर में चुनाव प्रचार करेंगे।
तेजप्रताप का बयान
तेजप्रताप यादव ने मंगलवार को कहा, 'वह बच्चा है, चुनाव के बाद उसे झुनझुना पकड़ाएंगे। अगर वह हमारे इलाके में प्रचार करने आया, तो हम भी उसके क्षेत्र में जाएंगे, फिर राघोपुर जाएंगे।' यह बयान तेजस्वी के महुआ में प्रचार के संदर्भ में दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल चुनावी प्रतिस्पर्धा का हिस्सा है और वे अपने अधिकार क्षेत्र में भी प्रचार करेंगे।
राघोपुर में प्रचार की चुनौती
तेजप्रताप ने कहा कि यदि तेजस्वी उनके क्षेत्र में प्रचार करते हैं, तो वह राघोपुर जाएंगे, जो तेजस्वी का निर्वाचन क्षेत्र है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है और वे चुनावी मैदान में किसी से पीछे नहीं हटेंगे। तेजप्रताप ने यह भी कहा कि चुनावी प्रतिद्वंद्विता में पारिवारिक रिश्तों का राजनीतिक लाभ उठाया जा सकता है।
राहुल गांधी पर टिप्पणी
तेजप्रताप ने राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी का काम केवल मोटरसाइकिल चलाना और प्रदूषण फैलाना है। वह अपने जीवन में मछली पकड़ते रहेंगे। देश अंधकार में डूब जाएगा। उन्हें राजनीति के लिए उपयुक्त नहीं होना चाहिए।' इस बयान ने विपक्षी दलों में हलचल पैदा कर दी है और सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आई हैं।
बिहार चुनाव की पृष्ठभूमि
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। एनडीए में भाजपा, JD(U), LJP(RV), HAM(S), और RLM शामिल हैं। इसके अलावा प्रशांत किशोर की जन स्वराज ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
तेजप्रताप और तेजस्वी का सियासी टकराव
तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच यह टकराव चुनावी रणनीति और क्षेत्रीय प्रचार का हिस्सा माना जा रहा है। दोनों भाई अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए व्यक्तिगत और पार्टी स्तर पर अभियान चला रहे हैं। चुनावी मौसम में ऐसे बयान सामान्य हैं, लेकिन पारिवारिक टकराव ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा को और तेज कर दिया है।