बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की स्थिति मजबूत, पोस्टरों से बढ़ा सियासी उत्साह
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन
पटना: बिहार में राजनीतिक गतिविधियाँ अपने चरम पर हैं। एग्जिट पोल में एनडीए की संभावित जीत के संकेत मिलने के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में 'टाइगर अभी जिंदा है' के पोस्टर पटना की सड़कों पर दिखाई देने लगे हैं.
पोस्टरों का राजनीतिक महत्व
ये पोस्टर न केवल राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बने हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि जेडीयू कार्यकर्ताओं में नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता के प्रति विश्वास बना हुआ है.
सियासी हलचल का बढ़ना
चुनाव परिणाम से एक दिन पहले, पटना में जेडीयू कार्यालय के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए, जिनमें नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ लिखा गया था, 'दलित, महादलित, पिछड़ा, सवर्ण और अल्पसंख्यकों के रक्षक... टाइगर अभी जिंदा है।' यह पोस्टर जेडीयू नेता रंजीत सिन्हा द्वारा जारी किए गए हैं, जिन्होंने इसे कार्यकर्ताओं की भावना और नीतीश के नेतृत्व पर विश्वास का प्रतीक बताया.
एनडीए की बढ़त के संकेत
हाल ही में आए एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त मिलती दिखी है, जिससे जेडीयू और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में उत्साह है। इसे नीतीश कुमार की 'विकास पुरुष' छवि की जीत के रूप में देखा जा रहा है, जबकि विपक्षी महागठबंधन को इस पर झटका लगा है.
महागठबंधन की प्रतिक्रिया
विपक्षी आरजेडी और उसके नेता तेजस्वी यादव ने बार-बार यह दावा किया है कि अगर एनडीए सत्ता में लौटता है, तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के पुराने बयानों का हवाला देकर इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन एनडीए नेताओं ने इसे खारिज कर दिया है.
मोदी और शाह का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार चुनाव के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि एनडीए सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बनेगी। पीएम मोदी ने नीतीश को 'विकास का पर्याय' बताते हुए जनता से समर्थन मांगा, जबकि अमित शाह ने कहा कि बीजेपी अपने वादे पर कायम रहेगी.
नतीजों का इंतजार
बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरण 11 नवंबर को संपन्न हो चुके हैं। अब 14 नवंबर को परिणाम घोषित होने हैं, जिन पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। जेडीयू कार्यकर्ताओं ने पहले ही पोस्टरों के माध्यम से संदेश दे दिया है कि नीतीश कुमार अब भी 'टाइगर' की तरह सक्रिय हैं और उनका राजनीतिक प्रभाव बरकरार है.