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बिहार चुनाव में सुरक्षित सीटों का महत्व: एनडीए की रणनीति

बिहार चुनाव 2025 में सुरक्षित सीटों का महत्व बढ़ता जा रहा है। एनडीए की रणनीति और पिछले चुनावों के आंकड़ों के आधार पर, यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षित सीटें चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जानें कैसे विभिन्न दलों ने इन सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत की है और आगामी चुनाव में क्या संभावनाएं हैं।
 

सुरक्षित सीटों का चुनावी महत्व


हर चुनाव में, जिस गठबंधन या पार्टी को सुरक्षित श्रेणी की सीटों पर सबसे अधिक सफलता मिलती है, वही सरकार बनाने में सफल होती है। यह एक स्थापित तथ्य है जो विधानसभा के पहले चुनाव से लेकर अब तक देखा गया है। पिछले तीन चुनावों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि 2010 में एनडीए के पक्ष में लहर थी, जिसके परिणामस्वरूप सभी सुरक्षित सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। उस समय, एनडीए को आरक्षित श्रेणी की सीटों पर बढ़त मिली थी, जिसमें बीजेपी और जेडीयू ने 20-20 सीटें जीती थीं।


2015 में, जदयू महागठबंधन का हिस्सा था, जिसने बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाई और बिहार की 243 सीटों में से 178 पर जीत हासिल की। इस जीत में सुरक्षित सीटों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। विधानसभा में कुल 40 सुरक्षित सीटें हैं, जिनमें से 38 अनुसूचित जातियों और 2 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। 2020 के चुनाव में, एनडीए ने बहुमत के आधार पर वापसी की, और इन सीटों ने उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


2020 में, भाजपा ने 11, जदयू ने 7, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने 3 और विकासशील इंसान पार्टी ने 1 सीट जीती। महागठबंधन में राजद ने 9 और कांग्रेस ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की। इस बार भाजपा ने 16, जदयू ने 15, हम ने 3 और विकासशील इंसान पार्टी ने 1 प्रत्याशी उतारे थे। महागठबंधन में राजद ने 19 और कांग्रेस ने 14 प्रत्याशी खड़े किए थे।


2025 में, एनडीए में जदयू ने 15, भाजपा ने 13, लोजपा-रामविलास ने 8, हम ने 4, जबकि महागठबंधन में राजद ने 20, कांग्रेस ने 11, माले ने 6, और भाकपा, माकपा और वीआइपी ने 1-1 सीट पर प्रत्याशी दिए थे। जदयू को 14, भाजपा को 12, लोजपा-रामविलास को 5, और हम को 4 सीटों पर सफलता मिली। राजद को 4 और कांग्रेस को 1 सीट मिली।


सुरक्षित सीटों पर एनडीए का प्रभाव बना हुआ है। जदयू के लिए प्रमुख सीटें हैं: धोरैया, राजगीर, फुलवारी, मसौढ़ी, राजपुर, त्रिवेणीगंज, सिंहेश्वर, सोनबरसा, कुशेश्वरस्थान, सकरा, भोरे, राजापाकड़, कल्याणपुर, अलौली।



  • भाजपा के लिए प्रमुख सीटें: पातेपुर, रोसड़ा, कोढ़ा, बनमनखी, पीरपैंती, कटोरिया, मोहनियां, रामनगर, हरसिद्धि, बथनाहा, राजनगर, अगिआंव।

  • लोजपा-रामविलास के लिए: चेनारी, रजौली, बोचहा, दरौली, बखरी।

  • हम के लिए: कुटुंबा, इमामगंज, बाराचट्टी, सिकंदरा।

  • राजद के लिए: मखदुमपुर, बोधगया, रानीगंज, गरखा।

  • कांग्रेस के लिए: मनिहारी।