×

बिहार में RJD के भीतर पारिवारिक विवाद: तेज प्रताप ने तेजस्वी को अनफॉलो किया

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर पारिवारिक मतभेद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को अनफॉलो कर दिया है, जिससे पार्टी में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब RJD 2025 के विधानसभा चुनावों की रणनीति बना रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह विवाद लंबे समय तक जारी रहा, तो इसका असर पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर पड़ सकता है।
 

RJD परिवार में खींचतान


RJD परिवार में खींचतान: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भीतर पारिवारिक मतभेद एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं। राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने छोटे भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अनफॉलो कर दिया है। यह कदम पार्टी और परिवार के बीच के मतभेदों को उजागर करता है।


सोशल मीडिया पर पारिवारिक संकट

तेज प्रताप यादव ने केवल तेजस्वी को ही नहीं, बल्कि अपनी बहनों मीसा भारती और हेमा यादव को भी एक्स पर अनफॉलो किया है। अब वे केवल 5 अकाउंट्स को फॉलो कर रहे हैं, जिनमें उनके माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, और बहन राज लक्ष्मी यादव शामिल हैं।


इस बदलाव को सोशल मीडिया पर केवल डिजिटल दूरी के रूप में नहीं, बल्कि राजनीतिक और व्यक्तिगत दूरी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी को एकजुट होकर विपक्ष का सामना करने की आवश्यकता है।


तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच तनाव

यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। पहले भी तेज प्रताप ने पार्टी के निर्णयों पर असहमति जताई है और खुद को उपेक्षित महसूस करने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है और कुछ लोग तेजस्वी को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। तेज प्रताप ने खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताकर यह दर्शाने की कोशिश की है कि वे मार्गदर्शक की भूमिका में रहना चाहते हैं, लेकिन शायद उन्हें वह स्थान नहीं मिल पा रहा है।


चुनावी रणनीति पर प्रभाव

तेज प्रताप का यह डिजिटल कदम ऐसे समय में आया है जब राजद 2025 के विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने में जुटी है। पारिवारिक विवाद और आंतरिक असहमति का असर न केवल पार्टी के मनोबल पर, बल्कि वोटरों पर भी पड़ सकता है।


राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि लालू यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं, लेकिन यदि तेज प्रताप जैसे वरिष्ठ सदस्य असंतुष्ट रहे, तो यह राजद के लिए संकट का कारण बन सकता है।


आगे की राह

तेज प्रताप यादव के इस कदम पर अब तक राजद या तेजस्वी यादव की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी के करीबी सूत्रों का कहना है कि अंदरूनी बातचीत जारी है और पारिवारिक मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह मतभेद लंबे समय तक जारी रहे, तो इसका असर राजद की चुनावी संभावनाओं पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है।