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बिहार में आरजेडी के भीतर तेजस्वी यादव को लेकर विवाद गहराया

बिहार की राजनीति में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को 'जननायक' कहे जाने पर विवाद गहरा गया है। पार्टी के महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि तेजस्वी को इस उपाधि के लिए समय लगेगा। इस पर पार्टी के भीतर मतभेद उभर आए हैं, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित हो सकता है। तेज प्रताप यादव ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

बिहार की राजनीति में नया विवाद

पटना: बिहार की राजनीतिक स्थिति में आरजेडी के अंदर एक नया विवाद सामने आया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को 'जननायक' के रूप में प्रस्तुत किए जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद स्पष्ट हो गए हैं। दरअसल, महागठबंधन के तहत मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी यादव के प्रचार के दौरान कुछ पोस्टरों और होर्डिंग्स में उन्हें 'जननायक' के रूप में दर्शाया गया है, जिससे आरजेडी में हलचल मच गई है।


आरजेडी के महासचिव का बयान

आरजेडी के महासचिव और वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को 'जननायक' बनने में समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी हैं और उन्हें इस पर खरा उतरने का प्रयास करना होगा। सिद्दीकी ने यह भी जोड़ा कि जब तेजस्वी लालू प्रसाद और जननायक कर्पूरी ठाकुर के बताए मार्ग पर चलेंगे, तब उन्हें सच्चा जननायक माना जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पार्टी में तेजस्वी को जनता का विश्वास जीतने की आवश्यकता है।


आरजेडी में हलचल का कारण

इस बयान के बाद आरजेडी में हलचल तेज हो गई है। कुछ पार्टी नेताओं का मानना है कि सिद्दीकी का बयान कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने वाला है, जबकि अन्य ने इसे उचित ठहराया है। उनका कहना है कि तेजस्वी यादव युवा नेता हैं और उन्हें जननायक बनने के लिए समय और अनुभव की आवश्यकता है।


तेजस्वी यादव का परिवार का रुख

तेजस्वी यादव के बड़े भाई और आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने भी इस विवाद पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर, डॉ. लोहिया, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे लोग सच्चे जननायक थे। लालू प्रसाद यादव भी जननायक थे, लेकिन हर किसी को जननायक कहना उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि लालू जी का आशीर्वाद तेजस्वी और राहुल गांधी पर है, लेकिन मैं गरीब जनता और युवाओं के साथ हूं। मैं जनता के लिए काम कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच यह बयानबाजी पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकती है। यह विवाद आरजेडी के भीतर नेतृत्व की दिशा और पार्टी की छवि को लेकर गहरे मतभेद पैदा कर सकता है।