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बिहार में जीतन राम मांझी का एनडीए से कड़ा संदेश: 15 सीटें नहीं मिलीं तो चुनाव से हटेंगे

जीतन राम मांझी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख, ने एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी पार्टी को 15 से कम सीटें दी गईं, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। मांझी ने अपमानित महसूस करने की बात कही और आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा के लिए 10 अक्टूबर को पटना में बैठक बुलाई है। जानें मांझी की मांगें और उनकी पार्टी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की योजना के बारे में।
 

मांझी का एनडीए में कड़ा रुख

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी पार्टी को 15 से कम सीटें आवंटित की गईं, तो वे चुनाव में भाग नहीं लेंगे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मांझी ने 10 अक्टूबर को पटना में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी चुनावी रणनीति पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.


बैठक से पहले मांझी की चिंताएं

दिल्ली में एनडीए की बैठक से पहले मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी को अपमानित महसूस हो रहा है। उन्होंने 2015 के चुनावों का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची नहीं दी गई थी, क्योंकि उनकी पार्टी को मान्यता नहीं मिली थी। मांझी ने सवाल उठाया कि जब चुनाव आयोग सभी दलों को बुलाता है, तो उनकी पार्टी को क्यों नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि अब इस अपमान को सहन नहीं किया जाएगा.


सम्मान की मांग

मांझी ने एनडीए से अपील की कि उनकी पार्टी का सम्मान किया जाए और उन्हें अपमानित न किया जाए। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की सफलता का हवाला देते हुए कहा कि सात सीटों पर चुनाव लड़ने पर चार सीटें जीतकर 60% सफलता हासिल की थी। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें 15 सीटें दी जाती हैं, तो वे आठ से नौ सीटें जीत सकते हैं और बिहार में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। इसके विपरीत, यदि कम सीटें दी गईं, तो उनकी पार्टी केवल एक पंजीकृत संगठन बनकर रह जाएगी और चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं होगा.


प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्रतिबद्धता

मांझी ने एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि वे मोदी और एनडीए के मार्गदर्शन में काम करेंगे, लेकिन अपनी पार्टी के सम्मान की मांग करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य गठबंधन से अलग होना नहीं है, बल्कि केवल पार्टी के अपमान से बचाव करना है.


राजनीतिक रणनीति का खुलासा

मांझी ने अपनी पार्टी के लिए वोट हासिल करने का लक्ष्य भी साझा किया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य पूरे बिहार में लगभग 6% वोट प्राप्त करना है। पिछले एनडीए बैठकों में देखा गया कि उनके लगभग 70% कार्यकर्ता सक्रिय रहे हैं, जबकि JDU के सदस्य मंच पर रहते हैं। मांझी ने बताया कि 70-80 निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी पार्टी 20,000-25,000 वोट आसानी से प्राप्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी के राजनीतिक भविष्य और अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए 15 सीटों पर चुनाव लड़ना उनका अंतिम विकल्प है.