बिहार में नई एनडीए सरकार का गठन: विधानसभा अध्यक्ष और मंत्रालयों पर खींचतान जारी
बिहार में राजनीतिक हलचल तेज
पटनाः बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। जेडीयू और भाजपा के बीच मंत्रालयों के वितरण और विधानसभा अध्यक्ष पद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा चल रही है। दोनों दल अपने-अपने दावों को मजबूती से प्रस्तुत कर रहे हैं, और इसी संदर्भ में दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन होने वाला है।
विधानसभा अध्यक्ष पद पर विवाद
विधानसभा अध्यक्ष का पद सबसे विवादास्पद मुद्दों में से एक है। भाजपा और जेडीयू दोनों इस पद पर अपना दावा पेश कर रहे हैं। भाजपा का मानना है कि यह पद उनके पास रहना चाहिए, क्योंकि पिछली विधानसभा में नंद किशोर यादव अध्यक्ष थे। दूसरी ओर, जेडीयू का तर्क है कि गठबंधन के संतुलन को बनाए रखने के लिए इस बार यह पद उन्हें मिलना चाहिए, क्योंकि नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष रहे हैं।
मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा
अध्यक्ष पद के अलावा, कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों के बंटवारे पर भी चर्चा जारी है। भाजपा के नेताओं ने पटना में देर रात तक बैठक कर अपनी रणनीति तैयार की, जबकि जेडीयू के वरिष्ठ नेता संजय झा और ललन सिंह दिल्ली पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। इन बैठकों में शिक्षा, गृह, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य जैसे विभागों की प्राथमिकताएँ स्पष्ट होंगी।
सहयोगी दलों के बीच सहमति
एनडीए के छोटे सहयोगी दलों जैसे लोजपा (रामविलास), हम (सेक्युलर) और रालोसपा के साथ भाजपा ने अलग से चर्चा की है। सूत्रों के अनुसार, नई सरकार में उनकी भूमिकाओं को लेकर प्रारंभिक सहमति बन चुकी है। प्रस्तावित योजना के अनुसार, हर छह विधायकों के बदले एक मंत्री पद का आवंटन किया जाएगा, जिससे सभी सहयोगियों को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।
19 नवंबर को विधायक दल की बैठक
भाजपा और जेडीयू दोनों ने 19 नवंबर को अपने-अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है। इन बैठकों के तुरंत बाद एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री पद और मंत्रियों की सूची पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। सभी गतिविधियों का समापन अगले दिन होगा, जब नई सरकार शपथ लेगी।
20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह
नई एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कई नए कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। इससे पहले, नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने की प्रक्रिया पर चर्चा की। वे बुधवार को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपेंगे और एनडीए के समर्थन पत्रों के साथ बहुमत का दावा करेंगे।
बिहार की राजनीति में नया मोड़
एनडीए की नई सरकार के गठन के साथ बिहार की राजनीति एक नई दिशा में बढ़ने जा रही है। मंत्रालयों के बंटवारे और अध्यक्ष पद पर निर्णय गठबंधन की भविष्य की मजबूती और स्थिरता को निर्धारित करेगा। सभी की निगाहें अब दिल्ली और पटना की बैठकों पर टिकी हैं, जो यह स्पष्ट करेंगी कि नई सरकार का स्वरूप कैसा होगा.