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बिहार में नियुक्तियों पर उठे सवाल, रिश्तेदारों को मिल रहे पद

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नियुक्तियों का मामला गरमा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विभिन्न बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियां की जा रही हैं, लेकिन यह नियुक्तियां सामाजिक समीकरणों के बजाय रिश्तेदारों को समायोजित करने के लिए की जा रही हैं। नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर तंज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को एक 'जमाई आयोग' बनाना चाहिए। पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक कुमार की पत्नी को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है। जानें इस राजनीतिक खेल के पीछे की पूरी कहानी।
 

बिहार में चुनावी नियुक्तियों का विवाद

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न बोर्ड, आयोग और निगमों का गठन तेजी से किया जा रहा है। इस दौरान नियुक्तियों की बाढ़ आई हुई है। आमतौर पर चुनावी वर्ष में जब सरकार पदों का वितरण करती है, तो वह सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखती है। लेकिन बिहार में ऐसा नहीं हो रहा है। यहां नियुक्तियों का उद्देश्य वोटों को प्रभावित करना नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदारों को समायोजित करना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निर्णय लेने में असमर्थ हैं, जिससे उनके करीबी लोग अपने परिवार के सदस्यों को नियुक्त करवा रहे हैं। नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर तंज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को एक 'जमाई आयोग' बनाना चाहिए। वास्तव में, कम से कम तीन नेताओं के दामादों को पदों का लाभ मिला है। नीतीश कुमार की सरकार में एक नौकरशाही ने अपनी पत्नी को भी एक आयोग का सदस्य बना दिया है.


नियुक्तियों में पारिवारिक संबंधों का खेल

इन नियुक्तियों में सबसे अधिक विवादित मामला नीतीश कुमार की सरकार के पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक कुमार से जुड़ा है। सभी निर्णय उनके अनुसार लिए जा रहे हैं। यह चौंकाने वाला है कि उनकी पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है। यदि उनकी पत्नी की नियुक्ति पहले से घोषित की जाती, तो शायद इतना हंगामा नहीं होता। लेकिन इसे छिपाने का प्रयास किया गया। रश्मि रेखा सहाय के नाम के आगे पति का नाम नहीं लिखा गया, बल्कि पिता का नाम लिखा गया। दीपक कुमार पहले से ही विवादों में रहे हैं और उन पर टैक्स वसूलने के आरोप लगे हैं। अब उनकी वजह से नीतीश की पार्टी एक नए विवाद में फंस गई है.


तीन नेताओं के दामादों की नियुक्तियां

इसी तरह, तीन नेताओं, स्वर्गीय रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और प्रदेश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामादों को विभिन्न आयोगों में पद दिए गए हैं। रामविलास पासवान के दामाद मृणाल पासवान को राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। चिराग पासवान के एक अन्य बहनोई अरुण भारती पार्टी के सांसद हैं। जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को अनुसूचित जाति आयोग का सदस्य बनाया गया है। मांझी के परिवार के अन्य सदस्य पहले से विधायक हैं। प्रदेश के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को धार्मिक न्यास परिषद का सदस्य बनाया गया है। अशोक चौधरी की बेटी लोक जनशक्ति पार्टी से सांसद हैं। चौधरी का कहना है कि सायन की नियुक्ति आरएसएस कोटे से हुई है, और वे किशोर कुणाल जैसे बड़े व्यक्ति के बेटे हैं। यह दिलचस्प है कि चौधरी खुद जनता दल यू में हैं, जबकि उनकी बेटी लोक जनशक्ति पार्टी में और दामाद आरएसएस कोटे से आयोग में हैं!