बिहार में राज्यसभा चुनाव: राजद को बड़ा झटका, भाजपा को मिल सकती हैं तीन सीटें
राजद को सीटों का नुकसान
बिहार में राज्यसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक बड़ा झटका लगने की संभावना है। इस बार उसके दो सदस्य रिटायर हो रहे हैं, जिससे उसे कोई सीट नहीं मिलेगी। वहीं, अगले साल खाली होने वाली पांच सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कोई सीट नहीं मिलेगी। सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस बार तीन सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है। यदि उपेंद्र कुशवाहा को तीसरी सीट देने पर सहमति बन जाती है, तो भाजपा को दो सीटों का सीधा लाभ होगा।
खाली सीटों का मामला
लोकसभा चुनाव के दौरान राजद की मीसा भारती और भाजपा के विवेक ठाकुर के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते दो सीटें खाली हुई थीं। इनमें से एक सीट उपेंद्र कुशवाहा को मिली थी, जबकि दूसरी सीट पर भाजपा ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को उच्च सदन में भेजा था। भाजपा के पास केवल एक सवर्ण राज्यसभा सांसद हैं, जबकि बाकी तीन पिछड़ी जाति के हैं। इस बार सवर्णों में राजपूत और भूमिहार दोनों दावेदार हैं। भूमिहार समुदाय विवेक ठाकुर की जगह अपने सांसद की मांग कर रहा है।
राजद के सांसदों का रिटायरमेंट
राजद को इस चुनाव में बड़ा नुकसान होने वाला है। उसके दो सांसद, प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह, रिटायर हो रहे हैं। प्रेमचंद गुप्ता पहले भी पांच बार सांसद रह चुके हैं, जबकि अमरेंद्र धारी सिंह पहली बार सांसद बने हैं। इन दोनों का जाना तय है, क्योंकि राजद या महागठबंधन की स्थिति इस चुनाव में एक भी सीट जीतने की नहीं है।
वोटों की आवश्यकता
राज्य में खाली हो रही पांच सीटों में से एक सीट जीतने के लिए 41 वोटों की आवश्यकता है, जबकि राजद के पास केवल 25 और पूरे महागठबंधन के पास 35 सीटें हैं। यदि ओवैसी की पार्टी के पांच और बसपा के एक विधायक साथ आते हैं, तो संख्या 41 हो जाएगी। ऐसे में कोई धनवान व्यक्ति अपनी किस्मत आजमा सकता है। एडी सिंह और प्रेम गुप्ता के रिटायर होने के बाद राजद के पास केवल तीन सांसद बचेंगे। इनमें से फैयाज आलम 2028 में रिटायर होंगे, जबकि मनोज झा और संजय यादव 2030 में रिटायर होंगे।