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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: INDIA गठबंधन में सीट बंटवारे की हलचल तेज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है, जहां INDIA गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर प्रमुख दलों के बीच गहन चर्चाएँ चल रही हैं। आरजेडी और वीआईपी के बीच सीट शेयरिंग पर विवाद है, जबकि सीपीआई(एमएल) और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। जानें कैसे ये दल चुनावी रणनीतियों को आकार दे रहे हैं और जीत की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में INDIA गठबंधन के तहत सीटों के वितरण को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ अपने चरम पर हैं। प्रमुख सहयोगी दलों के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं, और यह प्रक्रिया अब अंतिम निर्णय की ओर बढ़ रही है। खासकर आरजेडी, वीआईपी, सीपीआई(एमएल) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच गहन चर्चा चल रही है, जिसमें हर सीट का समीकरण बारीकी से देखा जा रहा है।


आरजेडी और वीआईपी के बीच सीटों पर विवाद
आरजेडी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत निर्णायक मोड़ पर है। सूत्रों के अनुसार, आरजेडी ने वीआईपी को लगभग 18 सीटें देने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी इससे संतुष्ट नहीं हैं और वे 25 सीटों की मांग कर रहे हैं, जिसे वे राजनीतिक दृष्टि से उचित मानते हैं।


मिथिला और तिरहुत डिवीजन पर ध्यान केंद्रित
इन बैठकों का मुख्य ध्यान मिथिला और तिरहुत डिवीजन पर है, जहां वीआईपी का प्रभाव परंपरागत रूप से मजबूत रहा है। इसी संदर्भ में, मुकेश सहनी खुद तेजस्वी यादव से सीधे संवाद कर रहे हैं ताकि अपनी पार्टी के हितों की रक्षा की जा सके।


सीपीआई(एमएल) और आरजेडी के बीच समीकरण
सीपीआई(एमएल) और आरजेडी के बीच भी सीटों को लेकर दो दौर की लंबी बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में उम्मीदवारों की जीत की संभावनाओं, पिछले प्रदर्शन और संगठनात्मक ताकत को ध्यान में रखते हुए फॉर्मूला तय करने का प्रयास किया जा रहा है। सीपीआई(एमएल) इस बार लगभग 30 सीटों पर दावेदारी कर रही है, जिनमें से कुछ वे सीटें भी हैं जहां पहले आरजेडी के उम्मीदवार खड़े होते थे। आरजेडी ने ऐसी कुछ सीटों को पुनर्विचार के लिए चिन्हित किया है, खासकर वे जो पिछले चुनाव में हार गई थीं। सीपीआई(एमएल) का तर्क है कि 2020 में उन्होंने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इस बार बढ़ी हुई लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें ज्यादा हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।


झारखंड मुक्ति मोर्चा को पहली बार मौका
इस बार बिहार की राजनीति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को भी महागठबंधन में शामिल किया जा रहा है। यह पहला अवसर होगा जब JMM, RJD के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेगा। हालांकि, JMM को जो भी सीटें दी जाएंगी, वह आरजेडी के कोटे से ही आएंगी। जैसे ही अन्य प्रमुख दलों – कांग्रेस, वीआईपी और सीपीआई(एमएल) के बीच सहमति बन जाएगी, वैसे ही JMM की हिस्सेदारी भी सार्वजनिक कर दी जाएगी।


जीत की रणनीति पर ध्यान
INDIA गठबंधन इस बार सीटों के बंटवारे में केवल राजनीतिक भागीदारी नहीं, बल्कि जीत की रणनीति को प्राथमिकता दे रहा है। हर सीट का विश्लेषण स्थानीय प्रभाव, सामाजिक समीकरण और पिछले प्रदर्शन के आधार पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य न केवल सभी सहयोगियों को उचित प्रतिनिधित्व देना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि चुनाव परिणामों में गठबंधन को स्पष्ट बढ़त मिले।