बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए सीट बंटवारे के दो संभावित फॉर्मूले
बिहार में चुनावी हलचल
Bihar NDA Seat Sharing Formula: बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने की योजना है। इससे पहले, कांग्रेस और बीजेपी के शीर्ष नेता लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। वर्तमान में, राहुल गांधी नालंदा और गया का दौरा कर रहे हैं। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी भी राज्य का दौरा करेंगे, जहां वे कई करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। चुनाव आयोग अगले महीने की शुरुआत में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
एनडीए में सीट बंटवारे की चर्चा
बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। एलजेपी (आर) के चिराग पासवान इस चुनाव को लेकर विशेष रूप से उत्सुक हैं। वे अपनी पार्टी के कोटे से केंद्र में मंत्री हैं और उनकी योजना है कि गठबंधन में अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। इस संदर्भ में, एक बड़ा सवाल यह है कि एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला क्या होगा?
दो फॉर्मूलों पर आधारित सीट बंटवारा
इन दो फॉर्मूलों पर होगा सीटों का बंटवारा
पहला फॉर्मूला- एनडीए में सीट बंटवारे का पहला फॉर्मूला यह है कि जो पार्टी पिछले दो चुनावों में हार चुकी है, वह उस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसके बजाय, दूसरे सहयोगी पार्टी को मौका दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी और जेडीयू 101 से 102 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि शेष 40 सीटें अन्य सहयोगियों जैसे जीतनराम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को दी जाएंगी। एलजेपी को 25-28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि हम को 6-7 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें दी जा सकती हैं। यह फॉर्मूला लोकसभा चुनाव के आधार पर है।
दूसरा फॉर्मूला
दूसरा फॉर्मूला- सीट बंटवारे का दूसरा फॉर्मूला परंपरागत है। इसमें बीजेपी 120-122 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कुछ सीटें सहयोगियों को देगी। एलेजपी को बीजेपी 10-11 सीटें दे पाएगी। ऐसे में चिराग पासवान एक बार फिर गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने का निर्णय ले सकते हैं। इस बार की परिस्थितियां 2020 से भिन्न हैं, और बीजेपी नहीं चाहती कि चिराग अलग होकर चुनाव लड़ें। इसलिए, बीजेपी चिराग को मनाने की कोशिश कर रही है।
जातीय समीकरणों का ध्यान
जातियों को सीट बंटवारे में मिलेगी प्राथमिकता
चुनाव में जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सीटों का बंटवारा किया जाएगा। एनडीए की रणनीति है कि अधिक से अधिक टिकट ओबीसी, ईबीसी और दलितों को दिए जाएं। इसके अलावा, सीएम नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर भी लगातार आकलन किया जा रहा है। बीजेपी की योजना है कि सीएम के स्वास्थ्य के मुद्दे पर आरजेडी जितना कीचड़ उछालेगी, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।