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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस की सीट बंटवारे पर अहम बैठक, क्या होगा महागठबंधन का भविष्य?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो गई है, जहां कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा होगी। महागठबंधन में खींचतान के बीच, कांग्रेस ने अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की है। क्या महागठबंधन में सहमति बनेगी या कांग्रेस अपनी सीटों पर उम्मीदवार घोषित करेगी? जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के परिणाम और राजनीतिक समीकरणों में संभावित बदलाव।
 

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी


Bihar election 2025: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, राज्य की राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों के बंटवारे की स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकी है, जबकि विपक्षी महागठबंधन में अभी भी सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच, कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली है।


कांग्रेस की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, यदि सोमवार तक महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का समाधान नहीं निकलता है, तो पार्टी अपनी निर्धारित 60 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। पार्टी का कहना है कि पहले चरण के नामांकन के लिए केवल पांच दिन बचे हैं, इसलिए उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देना आवश्यक है। इस संदर्भ में, कांग्रेस के प्रमुख नेता राज्य अध्यक्ष राजेश राम, प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, विधानसभा नेता शकील अहमद खान और विधान परिषद दल नेता मदन मोहन झा बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।


स्क्रीनिंग कमेटी की तैयारियाँ

कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने पहले ही लगभग 74 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया है। आज की बैठक में इनमें से 60 सीटों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यदि महागठबंधन में कोई समझौता नहीं होता है, तो कांग्रेस कुछ अतिरिक्त सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।


महागठबंधन में टकराव

महागठबंधन में खींचतान का मुख्य कारण कांग्रेस की कुछ पसंदीदा सीटों को लेकर है। पहले कांग्रेस 55 सीटों के आसपास समझौते के लिए तैयार थी, लेकिन उसने अपनी पसंद की सीटें मांगी थीं। हालांकि, राजद ने इनमें से कुछ पर दावा किया है, जैसे कहलगांव, राजापाकर और वैशाली। इसके जवाब में, कांग्रेस ने सीमांचल की कुछ और सीटें मांगी, जिससे मामला और जटिल हो गया।


तेजस्वी के समक्ष नया प्रस्ताव

महागठबंधन में वीआईपी और वाम दलों की बढ़ती सीट मांग के बीच, कांग्रेस ने तेजस्वी यादव के सामने एक नया प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के अनुसार, जितनी प्रतिशत सीटें कांग्रेस छोड़ेगी, उतनी ही संख्या में राजद को भी त्याग करना होगा। यदि कांग्रेस को संख्या में अधिक कटौती करनी पड़ती है, तो उसे पसंद की सीटें दी जानी चाहिए।


2020 के चुनावों की तुलना

यह ध्यान देने योग्य है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं। इस बार घटक दलों की संख्या बढ़ने के कारण सभी को समायोजित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। कांग्रेस का तर्क है कि यदि वीआईपी और वाम दलों को अधिक सीटें दी जाती हैं, तो राजद को भी बराबर समझौता करना होगा।