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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए की नई रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए ने एक नई रणनीति तैयार की है, जिसमें प्रवासी बिहारियों से संपर्क करने के लिए 150 नेताओं को नियुक्त किया गया है। इन नेताओं का उद्देश्य मतदाताओं को मतदान के लिए बिहार लौटने के लिए प्रेरित करना है। भाजपा का मानना है कि यह योजना वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में मदद करेगी। इसके तहत प्रवासी मतदाताओं की जानकारी एकत्र की जा रही है, जिसे एक ऐप पर अपलोड किया जाएगा। जानें इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एनडीए, यानी भाजपा गठबंधन ने व्यापक रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। गठबंधन ने लगभग 150 नेताओं की पहचान की है, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी बिहारियों से संपर्क करने का कार्य सौंपा गया है। इन नेताओं का मुख्य कार्य प्रवासी मतदाताओं को मतदान के समय बिहार लौटने के लिए प्रेरित करना होगा।


भाजपा की रणनीति

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पार्टी को विश्वास है कि यह रणनीति मतदान प्रतिशत को बढ़ाने और भाजपा को सीधा लाभ पहुंचाने में सहायक होगी। इस योजना के तहत 28 राज्यों में पहले से ही प्रभारियों की नियुक्ति की जा चुकी है, जो वहां रह रहे बिहारियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करेंगे।


पार्टी का उद्देश्य

क्या है पार्टी का उद्देश्य?

नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित जिलों और शहरों में जाकर प्रवासी मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलें और उन्हें मतदान के लिए घर लौटने का आग्रह करें। पार्टी का उद्देश्य यह है कि जो बिहारी मतदाता बाहर रह रहे हैं, वे घर लौटकर एनडीए के पक्ष में मतदान करें।


प्रवासी मतदाताओं की जानकारी

प्रवासी मतदाताओं की मांगी जानकारी

इस योजना के दूसरे चरण में प्रवासी मतदाताओं की विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेताओं को 'आम बिहारी प्रवासियों की जानकारी' नामक 14-सूत्रीय प्रश्नावली दी गई है। इसमें नाम, फोन नंबर, पता, पेशा, सामाजिक वर्ग, विधानसभा क्षेत्र, मूल जिला, पार्टी समर्थन की प्रवृत्ति और घर में उनकी चुनावी प्रभावशीलता जैसी जानकारी मांगी गई है।


डिजिटल डेटा संग्रहण

डिजिटल रूप से एक ऐप पर अपलोड

इस डेटा को एकत्र कर डिजिटल रूप से एक ऐप पर अपलोड किया जाएगा। अगस्त तक यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद पार्टी द्वारा इन मतदाताओं को कॉल करके यह जानने की योजना है कि वे वोट डालने के लिए बिहार लौटेंगे या नहीं। यह डेटा चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि बड़ी संख्या में बिहार से बाहर काम कर रहे लोगों का वोट किसी भी सीट पर परिणाम को प्रभावित कर सकता है।