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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चिराग पासवान की सीटों की मांग में बदलाव और एनडीए की रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में एनडीए गठबंधन में सीटों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। चिराग पासवान ने अपनी सीटों की मांग में बदलाव करते हुए भाजपा को 35 सीटों की सूची सौंपी है। वे उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां उनकी पार्टी ने पहले अच्छा प्रदर्शन किया था। जानें चिराग की रणनीति और एनडीए में सीट बंटवारे की स्थिति के बारे में।
 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी


Bihar Assembly Elections 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों ने गति पकड़ ली है, और एनडीए गठबंधन में सीटों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने अपनी पुरानी 40 सीटों की मांग को घटाते हुए भाजपा को 35 सीटों की सूची सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने 26 सीटों पर सहमति जताई है और एक एमएलसी तथा एक राज्यसभा सीट देने का आश्वासन भी दिया है।


लोकसभा क्षेत्रों में विधानसभा सीटों की दावेदारी

चिराग पासवान उन पांच लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं: हाजीपुर, जमुई, वैशाली, खगड़िया और समस्तीपुर, जहां उनकी पार्टी ने 2024 में जीत हासिल की थी। चिराग हर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कम से कम दो विधानसभा सीटें चाहते हैं।


सहयोगी दलों की सीटों पर भी नजर

एलजेपी (रामविलास) ने कुछ ऐसी सीटों पर भी दावेदारी जताई है जो वर्तमान में एनडीए के अन्य सहयोगियों के पास हैं। इनमें गोविंदगंज (भाजपा), मटिहानी (जदयू) और सिकंदरा (हम-एस) शामिल हैं। गोविंदगंज सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को मैदान में उतारने की योजना है। ब्रह्मपुर सीट पर चिराग पार्टी नेता हुलास पांडे को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं जबकि भाजपा यहां से संतोष राय को टिकट देना चाहती है। यह सीट फिलहाल राजद के कब्जे में है।


लोजपा (रामविलास) की प्रमुख सीटों की मांग

सूत्रों के अनुसार, पार्टी जिन प्रमुख सीटों पर दावा कर रही है उनमें शामिल हैं:


हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र: महनार, महुआ


समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र: मोरवा


खगड़िया लोकसभा क्षेत्र: अलौली


पटना और आसपास: बख्तियारपुर, फतुहा, भागलपुर सदर


गया क्षेत्र: अत्रि


औरंगाबाद: ओबरा


अन्य जिले: शेखपुरा, अरवल और जहानाबाद


मटिहानी सीट पर चिराग का विशेष जोर

चिराग पासवान का कहना है कि मटिहानी सीट 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने जीती थी, हालांकि उनके विधायक राज कुमार सिंह बाद में जदयू में शामिल हो गए। पार्टी इसे अपनी खोई हुई सीट मान रही है और दोबारा दावा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, भले ही हमने अपनी मूल मांग से थोड़ा कम कर दिया है, फिर भी हम जीतने योग्य सीटों के लिए प्रयास कर रहे हैं, खासकर जहां हमने अकेले चुनाव लड़ने के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया था।


NDA में सीट बंटवारे की तस्वीर

एनडीए में भाजपा और जदयू के बीच कम से कम 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बन सकती है। ऐसे में चिराग पासवान को उम्मीद है कि बाकी बची सीटों में से उनकी पार्टी को मजबूत हिस्सेदारी मिलेगी। वहीं अन्य सहयोगी दलों में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा) 10 से भी कम सीटों पर समझौता करने को तैयार है जबकि हम (एस) के संरक्षक जीतन राम मांझी 15 सीटों की मांग पर अड़े हैं। मांझी ने साफ कहा है कि अगर 15 सीटें नहीं मिलीं, तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।


बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीटों का गणित धीरे-धीरे साफ हो रहा है। चिराग पासवान ने जहां सीटों की मांग में नरमी दिखाई है, वहीं वे रणनीतिक रूप से उन क्षेत्रों पर फोकस कर रहे हैं जहां पार्टी की पकड़ मजबूत है। अब देखना होगा कि भाजपा और अन्य सहयोगी दल चिराग की मांगों पर क्या रुख अपनाते हैं।