बिहार विधानसभा चुनाव 2025: छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए तीन चरणों में होंगे मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखें
Bihar Assembly Election 2025 Date : बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि इस बार चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए जा सकते हैं। खास बात यह है कि राज्य के प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक त्योहार 'छठ' को ध्यान में रखते हुए मतदान की तिथि निर्धारित की जाएगी।
चुनाव आयोग की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग स्थानीय परिस्थितियों, त्योहारों के कैलेंडर, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों को ध्यान में रखते हुए चुनावी कार्यक्रम तैयार कर रहा है। चूंकि छठ पूजा नवंबर के दूसरे सप्ताह में आती है, इसलिए यह संभावना है कि मतदान प्रक्रिया छठ से पहले पूरी कर ली जाएगी या फिर इस तरह की योजना बनाई जाएगी कि त्योहार के दौरान मतदान न हो।
तीन चरणों में मतदान का कारण
तीन चरणों में क्यों?
बिहार एक बड़ा और राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य है, जिसमें 243 विधानसभा सीटें हैं। पिछले चुनावों में भी आयोग ने राज्य को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित कर चरणबद्ध मतदान करवाया था। इस बार भी सुरक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक तैनाती और त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तीन चरणों का चुनावी रोडमैप तैयार किया जा सकता है।
छठ पर्व का चुनाव पर प्रभाव
चुनाव पर छठ का असर
छठ पर्व बिहार की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए न केवल आम जनता की भागीदारी प्रभावित हो सकती है, बल्कि मतदान कर्मचारियों और सुरक्षाबलों की तैनाती में भी व्यावहारिक समस्याएँ आ सकती हैं। चुनाव आयोग पहले भी त्योहारों की तारीखों से टकराव से बचता रहा है।
राजनीतिक दलों की सक्रियता
सभी राजनीतिक दलों में हलचल तेज
चुनाव की संभावित तारीखों पर चर्चा शुरू होते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियाँ तेज कर दी हैं। जनसभाएँ, कार्यकर्ता सम्मेलन, पोस्टर-बैनर और सोशल मीडिया अभियान जोर पकड़ रहे हैं। खासकर, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी सहित अन्य दल भी चुनावी मोर्चे पर सक्रिय हो चुके हैं।
आगामी घोषणाएँ
चुनाव आयोग अगले कुछ हफ्तों में संभावित तारीखों की घोषणा कर सकता है। तब तक सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मतदान की तिथियाँ क्या होंगी और छठ जैसे प्रमुख त्योहार के दौरान चुनावी गतिविधियों की क्या रणनीति अपनाई जाएगी।