बिहार विधानसभा चुनाव 2025: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर उठे सवाल
बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन
बिहार SIR ड्राफ्ट: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त, 2025 को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतर्गत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट पर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया था, जो अब समाप्त हो चुका है.
दावों और आपत्तियों की संख्या
चुनाव आयोग के अनुसार, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद 15 दिनों में कुल 28,370 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 857 का समाधान किया जा चुका है। आश्चर्य की बात यह है कि इस अवधि में किसी भी राजनीतिक दल ने कोई दावा या आपत्ति नहीं की। आयोग ने बताया कि 1.6 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) होने के बावजूद, कोई भी राजनीतिक दल इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ.
नए मतदाताओं का पंजीकरण
SIR प्रक्रिया के तहत नए मतदाताओं का पंजीकरण: 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं के लिए नामांकन का अवसर दिया गया। इस दौरान कुल 1,03,703 फॉर्म प्राप्त हुए, जिनमें से 6 फॉर्म बूथ लेवल एजेंट्स के माध्यम से जमा किए गए। इन आवेदनों की जांच संबंधित निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) या सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) द्वारा की जाएगी। नियमों के अनुसार, पात्र दस्तावेजों की जांच के बाद 7 दिनों में दावों और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा.
मतदाता के नाम हटाने की प्रक्रिया
कोई नाम नहीं हटेगा बिना जांच के: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से किसी भी मतदाता का नाम बिना उचित जांच के नहीं हटाया जाएगा। यदि किसी का नाम हटाने की आवश्यकता होगी, तो ERO या AERO द्वारा निष्पक्ष जांच की जाएगी और मतदाता को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा. इसके बाद ही कोई आदेश पारित होगा.
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप: बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया में 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने 14 अगस्त, 2025 को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह हटाए गए मतदाताओं की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित करे और नाम हटाने का कारण भी स्पष्ट करे। साथ ही, इसकी जानकारी अखबार, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित करने को कहा गया.