बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नई पार्टियों की बढ़ती भूमिका
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है। इस बार चुनावी मुकाबले में केवल बड़े राजनीतिक दल ही नहीं, बल्कि कई नई और छोटी पार्टियां भी अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के लगातार बिहार दौरे इस बात का संकेत दे रहे हैं कि यह चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण होने वाली है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन छोटी पार्टियों की भूमिका इस बार महत्वपूर्ण हो सकती है।
नई पार्टियों का उदय
बिहार की राजनीति में विकासशील इंसान पार्टी (VIP), जन सुराज, हिन्द सेना, इंकलाब पार्टी और प्लुरलस पार्टी जैसे नए दल चर्चा में हैं। मुकेश सहनी की VIP, प्रशांत किशोर की जन सुराज और शिवदीप लांडे की हिंद सेना चुनावी समीकरण को प्रभावित करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, पुष्पम प्रिया की द प्लुरलस पार्टी ने सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है।
जातीय राजनीति का नया मोड़
जातीय आधार बनाम नया प्रयोग
बिहार की पारंपरिक राजनीति जातीय आधारों पर आधारित रही है, जैसे यादव-मुस्लिम (RJD), कुर्मी-कोरी (JDU), सवर्ण (BJP), और दलित (LJP)। लेकिन नई पार्टियां अब इस ढांचे से बाहर निकलने का प्रयास कर रही हैं। उदाहरण के लिए, चिराग पासवान ने गैर-आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जो यह दर्शाता है कि अब केवल जातीय वोटबैंक पर निर्भर रहना आसान नहीं रहा।
गठबंधन की स्थिति
गठबंधन से दूरी या मजबूरी?
इन छोटे दलों का एक बड़ा हिस्सा फिलहाल किसी गठबंधन में शामिल नहीं है। हिंद सेना, BSP और जन सुराज सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ये दल एकजुट होकर रणनीति नहीं बनाते, तो ये वोटकटवा की भूमिका निभा सकते हैं, जिससे बड़े दलों को नुकसान हो सकता है।
महागठबंधन और NDA की रणनीति
महागठबंधन और NDA की रणनीति
NDA में जेडीयू और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे की योजना लगभग तय है। नीतिश कुमार को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में घोषित किया गया है। वहीं, महागठबंधन में VIP, CPI और कांग्रेस सीटों की दावेदारी को लेकर अभी भी विचार कर रहे हैं। बिहार चुनाव 2025 में छोटी पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, लेकिन यह जनता के हाथ में है कि वे इन्हें गंभीर विकल्प मानती हैं या केवल वोट काटने वाला कारक।