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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बाहुबलियों की फिर से होगी जंग

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें बाहुबलियों की उपस्थिति एक बार फिर से देखने को मिलेगी। चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है, और कई सीटें विवादित मानी जा रही हैं। जानें कौन से बाहुबली इस बार चुनावी मैदान में हैं और किस सीट पर किसका दबदबा है। क्या आरजेडी अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेगी? इस चुनाव में कई महत्वपूर्ण सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
 

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है, और चुनाव आयोग ने सोमवार को मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मतदान दो चरणों में होगा, जिसमें पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को निर्धारित है। चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।


पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान

पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। चुनावी मैदान में बाहुबलियों की उपस्थिति एक बार फिर से देखने को मिलेगी। महागठबंधन और एनडीए के बीच सीट बंटवारे पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं जहां बाहुबलियों का प्रभाव हमेशा रहा है। आइए जानते हैं उन विवादित सीटों के बारे में।


जेल से चुनाव जीतने वाले रीत लाल राय

पटना जिले की दानापुर सीट बाहुबली रीत लाल राय का गढ़ मानी जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेल से रिहाई के बाद इस सीट पर जीत हासिल की थी। आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने 89895 वोट प्राप्त किए थे, जबकि बीजेपी की आशा देवी ने 73971 वोट हासिल किए थे। राय के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें रंगदारी और हत्या शामिल हैं। इस बार भी 6 नवंबर को मतदान होगा, और परिणाम बताएंगे कि क्या वह अपनी सीट को बचा पाएंगे।


मुन्ना शुक्ला का विवादित इतिहास

वैशाली जिले के मुन्ना शुक्ला का नाम भी बाहुबलियों की सूची में शामिल है। 2015 में उन्होंने JD(U) के टिकट पर चुनाव जीता था, लेकिन बाद में उन्हें हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया। 2020 में इस सीट पर बीजेपी के संजय कुमार सिंह ने जीत दर्ज की थी। इस बार आरजेडी इस सीट पर अपनी वापसी की कोशिश करेगी।


बृज बिहारी प्रसाद का प्रभाव

वैशाली जिले के बृज बिहारी प्रसाद को 1990 में जनता दल और 1995 में आरजेडी से टिकट मिला था, और उन्होंने दोनों बार जीत हासिल की। 2020 में इस सीट पर JDU के सिद्धार्थ पटेल ने जीत दर्ज की थी।


आरजेडी का रघुनाथपुर पर कब्जा

सिवान जिले का रघुनाथपुर सीट आरजेडी के लिए महत्वपूर्ण रही है। इस बार पार्टी ओसामा शहाब को मैदान में उतार सकती है। 2020 में हरिशंकर यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की थी।


शहाबुद्दीन का गढ़ महाराजगंज

सिवान जिले की महाराजगंज सीट को शहाबुद्दीन का गढ़ माना जाता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के विजय शंकर दुबे ने यहां जीत दर्ज की थी। महागठबंधन इस बार जीतने की पूरी कोशिश करेगा।


छोटे सरकार का दबदबा

मोकामा सीट, जिसे छोटे सरकार के क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, हमेशा चर्चा में रहती है। बाहुबली अनंत कुमार सिंह ने पिछले चुनाव में आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की थी। उनके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं।


सुनील पांडे का प्रभाव

भोजपुर जिले की तरारी सीट पर बाहुबली सुनील पांडे का प्रभाव आज भी कायम है। लालू-राबड़ी के समय में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए थे। 2020 में CPIML के सुदामा प्रसाद ने उन्हें हराया था। इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। आरजेडी इस बार अपनी वापसी की पूरी कोशिश करेगी।