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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया में मतदाता बनने के लिए गणना फॉर्म भरना अनिवार्य है, साथ ही आधार कार्ड सहित 11 अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता है। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच, मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जानें कि दस्तावेजों के बिना क्या करना है और इस अभियान की प्रगति के बारे में।
 

बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची का विशेष अभियान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने 24 जून को मतदाता सूची के विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की शुरुआत का आदेश दिया। इस अभियान के तहत, मतदाता बनने के लिए गणना फॉर्म भरना अनिवार्य है। इसके साथ ही, आधार कार्ड सहित 11 अन्य दस्तावेजों को भी मान्य माना गया है। इस आदेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे राज्य में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।


मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि वैध मतदाता बनने के लिए 25 जुलाई 2025 तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ गणना पत्र भरना जरूरी है। सभी भरे हुए गणना पत्र 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे, भले ही दस्तावेज नहीं दिए गए हों। यदि 25 जुलाई तक दस्तावेज नहीं दिए गए हैं, तो 1 सितंबर तक उन्हें जमा किया जा सकता है।


दस्तावेज न होने की स्थिति में क्या करें?

यदि किसी के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, तो वह इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) के पास जा सकता है। यह अधिकारी किसी का नाम जोड़ने या काटने का निर्णय ले सकता है। यदि कोई ERO के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह DM के सामने अपील कर सकता है।


सत्यापन अभियान का महत्व

चुनाव आयोग ने बताया कि इस सत्यापन अभियान में BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) लोगों की मदद कर रहे हैं। BLO खुद गणना पत्र भरकर मतदाता के सामने जाते हैं, और मतदाता को केवल हस्ताक्षर करना होता है। दस्तावेज देने की आवश्यकता है, लेकिन यदि नहीं हैं, तो बाद में भी दिए जा सकते हैं। यह अभियान संविधान के आर्टिकल 326 के तहत चलाया जा रहा है।


मतदाता पुनरीक्षण अभियान की प्रगति

चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत 7 करोड़ 90 लाख मतदाताओं में से 7.69 करोड़ फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। अब तक 3 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म जमा हो चुके हैं।