बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बढ़ती चुनौतियाँ
महागठबंधन की स्थिति
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच महागठबंधन में सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर असमंजस बढ़ता जा रहा है। सीपीआई माले द्वारा 40 सीटों की मांग ने गठबंधन की रणनीति को नया मोड़ दिया है, जिससे चुनावी राह और भी कठिन हो सकती है।कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और अन्य सहयोगी दलों के बीच सीटों की संख्या को लेकर बढ़ती जिद महागठबंधन में टकराव का कारण बन रही है। 2020 में तय हुए सीट बंटवारे का फॉर्मूला अब कठिनाई में है। कांग्रेस 70 सीटों पर अड़ी हुई है, जबकि वीआईपी भी 60 सीटों की मांग कर रही है। इस सब के बीच सीपीआई माले की मांग ने राजद को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। इससे महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर असमंजस बना हुआ है, जो आगामी चुनावों में एकजुटता को प्रभावित कर सकता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सभी दल अपनी आपसी खींचतान को शांत नहीं कर पाते, तो महागठबंधन की एकता और चुनावी प्रदर्शन को नुकसान हो सकता है। अब यह आवश्यक है कि 15 सितंबर तक सीटों के बंटवारे पर ठोस सहमति तक पहुंचा जाए, अन्यथा गठबंधन चुनाव से पहले ही टूट सकता है।
यह विवाद यह भी दर्शाता है कि छोटे दल अब अपनी राजनीतिक ताकत और हिस्सेदारी को लेकर पहले से अधिक मुखर हो गए हैं। महागठबंधन को अपनी रणनीति में समन्वय और समझदारी के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है, अन्यथा आगामी चुनावी संघर्ष कठिन हो सकता है।