बिहार विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बढ़त, महागठबंधन की स्थिति चिंताजनक
बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स का विश्लेषण
बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स ने विपक्षी महागठबंधन के लिए चिंताजनक संकेत दिए हैं। 2020 की तुलना में इस बार एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि आरजेडी और कांग्रेस की सीटों में कमी आ सकती है।
नौ प्रमुख एग्जिट पोल्स के औसत आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को 147 और महागठबंधन को 90 सीटें मिलने का अनुमान है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 'X फैक्टर' साबित होने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
एनडीए की स्थिति मजबूत, महागठबंधन कमजोर
एनडीए को बढ़त, महागठबंधन पिछड़ा
एग्जिट पोल्स के अनुसार, बिहार में एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटती नजर आ रही है। विभिन्न सर्वेक्षणों ने एनडीए को 130 से 167 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, जबकि महागठबंधन 73 से 108 सीटों के बीच सीमित रह सकता है। औसत आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को 147 और महागठबंधन को 90 सीटें मिल सकती हैं।
आरजेडी और कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर
आरजेडी और कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट
महागठबंधन की प्रमुख पार्टी आरजेडी के प्रदर्शन में गिरावट की संभावना है। पार्टी को 57 से 69 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि 2020 में इसे 75 सीटें मिली थीं। कांग्रेस का प्रदर्शन और भी कमजोर रहने की उम्मीद है, जो पिछले चुनाव में 19 सीटों के मुकाबले इस बार केवल 11 से 14 सीटें प्राप्त कर सकती है।
एनडीए में भाजपा और जेडीयू का समीकरण
एनडीए में भाजपा-जेडीयू का समीकरण मजबूत
एग्जिट पोल्स के अनुसार, भाजपा को 67 से 70 सीटें मिलने का अनुमान है, जिससे यह इस बार की सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। हालांकि, यह आंकड़ा आरजेडी के पिछले प्रदर्शन से कम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है, और पार्टी को 58 से 71 सीटें मिलने का अनुमान है।
पीके फैक्टर का सीमित प्रभाव
पीके फैक्टर का नहीं दिखा असर
राजनीतिक विश्लेषक से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से उम्मीदें अधिक थीं, लेकिन एग्जिट पोल्स के अनुसार इसका प्रभाव सीमित रहेगा। पार्टी को 0 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है, औसत दो सीटों का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि इतने कम वोटों से भी पीके विपक्षी वोटों में सेंध लगा सकते हैं, जिससे एनडीए को अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है।
एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर सवाल
बार-बार गलत साबित होते रहे हैं एग्जिट पोल्स
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बिहार के एग्जिट पोल्स ने ऐसी तस्वीर पेश की हो। अतीत में कई बार एग्जिट पोल्स के अनुमान परिणामों से भिन्न साबित हुए हैं। असली परिणाम 3 दिसंबर को मतगणना के बाद स्पष्ट होंगे।