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बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए में सीट बंटवारे पर मंथन तेज

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले एनडीए में सीट बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। भाजपा के नेता धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े ने विभिन्न सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान जीतन राम मांझी ने भाजपा के प्रस्ताव पर नाराजगी जताई। जानें इस राजनीतिक मंथन में क्या कुछ हुआ और आगे की रणनीति क्या हो सकती है।
 

बिहार में चुनावी तैयारियों का दौर

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले, दोनों गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। एनडीए में सहयोगी दलों के बीच रविवार को कई बैठकों का आयोजन किया गया। भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और संगठन प्रभारी विनोद तावड़े ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ तीन घटक दलों के नेताओं से मुलाकात की और सीट बंटवारे पर विचार-विमर्श किया। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के साथ केवल 15 मिनट की बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार, मांझी भाजपा द्वारा प्रस्तावित सीटों से असंतुष्ट हैं।


इस बीच, सीट बंटवारे पर चर्चा का सिलसिला रविवार सुबह शुरू हुआ, जब धर्मेंद्र प्रधान जनता दल यू के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह से मिले। इसके बाद, प्रधान, तावड़े और सम्राट चौधरी जीतन राम मांझी के आवास पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि मांझी को प्रस्ताव पसंद नहीं आया, जिसके कारण वे नाराज हो गए और बातचीत से पीछे हट गए। इसके बाद भाजपा नेता वहां से केवल 15 मिनट में निकल गए और उन्होंने मीडिया से कोई टिप्पणी नहीं की। दिल्ली जाने से पहले मांझी ने मीडिया से कहा कि यह केवल एक शिष्टाचार मुलाकात थी।


बाद में, धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। भाजपा नेताओं के साथ कुशवाहा की बैठक लगभग आधे घंटे तक चली। हालांकि, किसी नेता ने मीडिया से बात नहीं की। लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा ने 12 से 15 सीटों की मांग की। इसके बाद, सीटों की संख्या पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी पहले ही 15 से 20 सीटों की मांग कर चुके हैं।