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बिहार विधानसभा चुनाव: पहले चरण की वोटिंग ने बदला माहौल

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुई ऐतिहासिक वोटिंग ने राज्य का माहौल बदल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लोकतंत्र का उत्सव बताया, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। चुनाव आयोग ने भी इस मतदान को बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक बताया। अब सभी की नजरें 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान पर हैं, जहां राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को तेज कर रहे हैं। जानें इस चुनाव का महत्व और क्या कह रहे हैं नेता।
 

बिहार में ऐतिहासिक मतदान का उत्सव

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुई अभूतपूर्व वोटिंग ने पूरे राज्य का माहौल बदल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को औरंगाबाद में आयोजित जनसभा में इस रिकॉर्ड मतदान को लोकतंत्र का उत्सव करार दिया।


जनता का विकास की ओर बढ़ने का संकेत

उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं, युवाओं और किसानों की भागीदारी यह दर्शाती है कि जनता विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है और किसी भी हाल में 'जंगलराज' की वापसी नहीं होने देगी।


बिहार की जनता का स्पष्ट संदेश

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार बिहार की महिलाएं, किसान और युवा यह तय कर चुके हैं कि राज्य में एनडीए की सरकार ही बनेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण की वोटिंग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता स्थायी विकास और सुशासन की चाह रखती है। यह मतदान केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार के आत्मविश्वास और जागरूकता का प्रतीक है।


'जंगलराज' पर प्रहार

मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता ने यह तय कर लिया है कि वह फिर से 'जंगलराज' के अंधकार में नहीं लौटेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार के लिए जो प्रयास किए गए हैं, उन्हें जनता ने देखा है और अब वे स्थिर सरकार को समर्थन देंगे.


नीतीश कुमार का आभार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले चरण में ऐतिहासिक मतदान के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह जनता का विश्वास और सहयोग ही है जिसने बिहार को विकास के नए मुकाम पर पहुंचाया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान के लिए जनता का दिल से धन्यवाद। अब समय है बिहार को सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने का।'


चुनाव आयोग की सराहना

चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ, जो बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि 1951 के बाद यह सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत है। उन्होंने मतदाताओं और चुनावकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि बिहार ने पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव की मिसाल पेश की है।


दूसरे चरण की तैयारी

पहले चरण की सफलता के बाद अब सभी की नजरें 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान पर हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को तेज कर दिया है। एनडीए अपने प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश में है, जबकि विपक्षी दल मतदाताओं को नए वादों के साथ लुभाने में जुटे हैं। बिहार का यह चुनाव आने वाले वर्षों की दिशा तय करेगा.