×

बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन की बैठक में सहमति का अभाव, क्या होगी रणनीति?

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच महागठबंधन की सातवीं बैठक में कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी। सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर चर्चा जारी है, लेकिन निर्णय नहीं हो पा रहा है। एनडीए ने चुनावी अभियान शुरू कर दिया है, जबकि महागठबंधन में असमंजस बना हुआ है। क्या महागठबंधन समय पर अपनी रणनीति तय कर पाएगा? जानिए पूरी खबर में।
 

बिहार में चुनावी तैयारियों का दौर

बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, और चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियों में जुटना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अनौपचारिक रूप से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। जबकि विपक्षी गठबंधन, महागठबंधन, अभी भी अपनी तैयारी में लगा हुआ है। महागठबंधन की बैठकों का सिलसिला जारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस रणनीति सामने नहीं आई है।


महागठबंधन की 7वीं बैठक में सहमति का अभाव

30 जुलाई को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के निवास पर महागठबंधन की सातवीं बैठक आयोजित की गई। यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली, लेकिन चर्चा पुराने मुद्दों पर ही अटकी रही। सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका। बैठक में कांग्रेस, सीपीएम और वीआईपी सहित सभी सहयोगी दलों के नेता शामिल हुए, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका।


सीट बंटवारे पर असमंजस बरकरार

बैठक के दौरान जब कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू से सीटों की मांग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हर दल की अपनी मांग होती है, और कांग्रेस की भी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी दल मिलकर समाधान निकालेंगे। वहीं, सीपीएम नेता कुणाल कुमार ने मुकेश सहनी की 60 सीटों की मांग को 'आंतरिक मामला' बताकर टाल दिया।


मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर कोई सहमति नहीं

बैठक में सीएम फेस को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने इस मुद्दे पर जवाब देने से बचते हुए कहा कि जो भी फैसला होगा, उसे सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने केवल इतना कहा कि महागठबंधन की सभी पार्टियां 273 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगी और उम्मीदवार INDIA गठबंधन के बैनर तले होंगे।


मुकेश सहनी की अनुपस्थिति पर चर्चा

बैठक में VIP पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी शामिल नहीं हुए। इस पर वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष बाल मुकुंद ने कहा कि सहनी पारिवारिक कारणों से बाहर हैं। हालांकि, उनकी अनुपस्थिति को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या महागठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक है।


मुद्दे वही, समाधान अधूरा

महागठबंधन की यह सातवीं बैठक थी, लेकिन चर्चा अब भी सीट बंटवारे और नेता के नाम पर ही सिमटी हुई है। इससे स्पष्ट है कि विपक्षी खेमे में तालमेल की कमी अब भी बनी हुई है। चुनाव नज़दीक हैं, लेकिन रणनीति अब भी अधूरी है। यदि महागठबंधन जल्द फैसला नहीं करता, तो इसका असर चुनावी नतीजों पर साफ दिख सकता है।