बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए घटक दलों की बैठक, सीट बंटवारे पर चर्चा
एनडीए घटक दलों की बैठक का आगाज़
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत एनडीए के घटक दलों की बैठक शुरू हो गई है। हाल ही में दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों उपस्थित थे। इस बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, अगले सप्ताह सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा तुरंत होने की संभावना नहीं है। बताया जा रहा है कि नवरात्रि के आरंभ के बाद ही सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी। कोई भी घटक दल नहीं चाहता कि श्राद्ध के दौरान इस संबंध में कोई घोषणा की जाए। सभी पार्टियां सीट बंटवारे के साथ-साथ उम्मीदवारों के नाम भी तय कर रही हैं, और दोनों घोषणाएं एक साथ की जा सकती हैं। हाल ही में जनता दल यू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने इस बात का संकेत दिया था कि सीटों की संख्या और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा एक साथ हो सकती है।
सीट बंटवारे की जटिलताएँ
सूत्रों के अनुसार, सभी पार्टियों ने अपनी सीटों की मांग रख दी है। दिलचस्प बात यह है कि सभी मांगें भाजपा के सामने प्रस्तुत की गई हैं। पहले, नीतीश कुमार सभी सीटों का निर्णय लेते थे, लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी भाजपा की है। भाजपा सभी पार्टियों से बातचीत कर रही है। जनता दल यू ने सहयोगी दलों से सीट बंटवारे पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था और चिराग पासवान व उपेंद्र कुशवाहा को बताया था कि उनका तालमेल भाजपा के साथ है। इस प्रकार, भाजपा ही सभी दलों से बातचीत कर रही है। सीट बंटवारे में सबसे बड़ी चुनौती जनता दल यू को लेकर है। जदयू ने स्पष्ट किया है कि सीटों की संख्या के मामले में वह बड़े भाई की भूमिका में रहेगा। इसका मतलब है कि भले ही वह एक सीट अधिक लड़े, लेकिन एक सीट उसकी अधिक होगी। जदयू के एक नेता का कहना है कि पार्टी ने 105 सीटों की मांग की है और भाजपा से 100 सीट लड़ने का अनुरोध किया है। शेष 38 सीटें अन्य तीन पार्टियों में बांटी जाएंगी। ऐसे में चिराग पासवान को कम से कम 22 सीटें मिल सकती हैं, जिसके लिए वे तैयार नहीं हैं। एक अन्य विकल्प यह है कि जदयू 102 और भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़े, तब भी चिराग की सीटें 25 से अधिक नहीं होंगी।