बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान का नया रिकॉर्ड, 65.08% वोटिंग
बिहार में मतदान का नया इतिहास
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राज्य ने मतदान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। बिहार निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण में कुल 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अब तक का सबसे उच्चतम आंकड़ा है। इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव में 57.29 प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में 56.28 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। इस बार का आंकड़ा सभी पूर्व रिकॉर्ड्स को तोड़ते हुए बिहार की जनता के लोकतंत्र के प्रति बढ़ते उत्साह को दर्शाता है।
पहले चरण का मतदान
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को संपन्न हुआ, जिसमें 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए। निर्वाचन आयोग ने बताया कि यह चरण शांतिपूर्ण और उत्सवपूर्ण माहौल में हुआ। प्रारंभिक अनुमानित आंकड़ा 64.66 प्रतिशत था, लेकिन अंतिम आंकड़े में यह बढ़कर 65.08 प्रतिशत हो गया, जो बिहार में मतदाताओं की अभूतपूर्व भागीदारी को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान ने बिहार की नई सोच और विकास की दिशा को मजबूती दी है। नीतीश कुमार ने अपील की कि 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण में भी जनता पूरे उत्साह से मतदान करें ताकि राज्य और आगे बढ़ सके।
जिला वार मतदान प्रतिशत
जिला वार आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 70.96 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद समस्तीपुर में 70.63 प्रतिशत, मधेपुरा में 67.21 प्रतिशत, वैशाली में 67.37 प्रतिशत, सहरसा में 66.84 प्रतिशत, खगड़िया में 66.36 प्रतिशत, लखीसराय में 65.05 प्रतिशत, मुंगेर में 60.40 प्रतिशत, सीवान में 60.31 प्रतिशत, नालंदा में 58.91 प्रतिशत और पटना में 57.93 प्रतिशत मतदान हुआ।
इतिहास में सबसे कम मतदान
आयोग के ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार, 1951-52 के पहले विधानसभा चुनाव में बिहार में सबसे कम 42.6 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार का 65.08 प्रतिशत मतदान न केवल पिछले दो दशकों के आंकड़ों को पार कर गया है बल्कि वर्ष 2000 के 62.67 प्रतिशत मतदान से भी अधिक है। यह नतीजा बताता है कि बिहार की जनता अब पहले से कहीं अधिक राजनीतिक रूप से जागरूक और लोकतांत्रिक भागीदारी के प्रति गंभीर है।