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बिहार विधानसभा चुनाव: रोड शो में आचार संहिता उल्लंघन पर कार्रवाई

बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को होने वाला है, और चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मोकामा में जेडीयू के उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो किया, लेकिन प्रशासन ने आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। इस घटना के बाद कई गाड़ियां जब्त की गई हैं। क्या यह मामला जेडीयू के चुनावी अभियान को प्रभावित करेगा? जानें पूरी कहानी में।
 

बिहार में चुनावी हलचल

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को होने वाला है, और अब केवल दो दिन बचे हैं। इस बीच, चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। नेताओं की रैलियों और रोड शो का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह के समर्थन में एक भव्य रोड शो किया। हालांकि, यह रोड शो अब दोनों नेताओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है, क्योंकि प्रशासन ने आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है.


प्रशासन की कार्रवाई

प्रशासन ने जब्त की गाड़ियां

मोकामा में आयोजित इस रोड शो के दौरान जेडीयू नेताओं का काफिला काफी लंबा था। वाहनों की बड़ी संख्या और लाउडस्पीकर के उपयोग को देखते हुए प्रशासन ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना। इसी आधार पर ललन सिंह, सम्राट चौधरी और कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ स्थानीय थाने में मामला दर्ज किया गया है.


रोड शो के बाद की स्थिति


अनंत सिंह की स्थिति

मोकामा से जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह इस समय दुलारचंद हत्याकांड के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसे में प्रचार की जिम्मेदारी ललन सिंह और सम्राट चौधरी ने संभाली है। दोनों नेताओं ने बरहपुर, मोर, शिवनार से होते हुए मोकामा तिराहा चौक तक रोड शो किया। रास्ते में समर्थकों ने फूलों की बारिश और मालाओं से उनका स्वागत किया.


आचार संहिता का उल्लंघन

आचार संहिता उल्लंघन पर सख्त प्रशासन

रोड शो के दौरान ललन सिंह ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि “अनंत सिंह को एक साजिश के तहत फंसाया गया है, लेकिन बहुत जल्द सच्चाई सामने आएगी।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जेडीयू के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करें ताकि क्षेत्र का विकास जारी रह सके.

चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। मोकामा में दर्ज यह मामला उसी सख्ती का उदाहरण है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या इसका असर जेडीयू के चुनावी अभियान पर पड़ता है या नहीं.