बी. सुदर्शन रेड्डी की उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पर विवाद
उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का चयन
विपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी, जो सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज हैं, को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रेड्डी पर नक्सलियों का समर्थन करने का आरोप लगाया, जिसे रेड्डी ने सख्ती से खारिज किया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा संविधान की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और देश में लोकतंत्र की कमी पर चिंता व्यक्त की।
गृह मंत्री के आरोपों का जवाब
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमित शाह ने रेड्डी की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा, “ये वही व्यक्ति हैं जिन्होंने सलवा जुडूम का निर्णय दिया था। यदि यह निर्णय नहीं लिया जाता, तो नक्सलवाद 2020 तक समाप्त हो जाता।” शाह ने यह भी कहा कि रेड्डी का यह निर्णय विचारधारा से प्रेरित था और कांग्रेस ने वामपंथियों के दबाव में नक्सल समर्थक को उम्मीदवार बनाया। उन्होंने केरल में नक्सलवाद के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के लोग इस निर्णय को देखेंगे।
रेड्डी का स्पष्ट खंडन
मैंने कभी नक्सलियों का समर्थन नहीं किया- रेड्डी
बी. सुदर्शन रेड्डी ने अमित शाह के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “मैंने कभी ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिससे यह कहा जा सके कि मैं नक्सलियों का समर्थक हूं। यह स्पष्ट है कि निर्णय मेरा नहीं है, मैंने केवल लिखा है, जबकि निर्णय केवल सुप्रीम कोर्ट का है।” उन्होंने सलवा जुडूम मामले पर कहा, “यह निर्णय अच्छा है या बुरा, इसे समाज समझेगा और अपनी प्रतिक्रिया देगा। मैंने कभी अपने निर्णय की प्रशंसा नहीं की।” रेड्डी ने यह भी बताया कि तीन लोगों ने इस निर्णय को हटाने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। उन्होंने जोर दिया कि निर्णय सुप्रीम कोर्ट का था, न कि उनका व्यक्तिगत।
सुप्रीम कोर्ट और राहुल गांधी पर टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट और राहुल गांधी पर टिप्पणी से इनकार
राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के संदर्भ में रेड्डी ने कहा, “मैं अभी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं सुप्रीम कोर्ट का पूर्व न्यायाधीश हूं, इसलिए किसी भी प्रकार की बयानबाजी करना उचित नहीं है।”
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर राय
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर क्या है राय?
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर रेड्डी ने कहा, “मैं कोई सुरक्षा विशेषज्ञ नहीं हूं। जो हमला हुआ, उसके बारे में कोई दो राय हो सकती है क्या? निर्दोष को पकड़कर मारा गया। क्या हिंदुस्तान में कोई ऐसा व्यक्ति है जो पहलगाम के बारे में दूसरी राय रखता हो? पूरे देश की एक ही राय है, वही राय मेरी भी है।” 'ऑपरेशन सिंदूर' पर उन्होंने कहा, “मैं इसके विवरण में नहीं गया हूं, इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।”
जातिगत जनगणना और कर्नाटक विवाद पर राय
जातिगत जनगणना और कर्नाटक विवाद पर क्या बोले रेड्डी!
जातिगत जनगणना पर रेड्डी ने कहा, “इस पर मेरी राय का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी राय रख दी है।” कर्नाटक के धर्मस्थल विवाद पर उन्होंने कहा, “सवाल यह है कि ऐसा हुआ कि नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए।”
लोकतंत्र और संविधान पर चिंता
लोकतंत्र और संविधान पर रेड्डी ने जताई चिंता
रेड्डी ने देश में 'लोकतंत्र की कमी' की बात कही और संविधान के सामने मौजूद चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं इस यात्रा को भी ऐसा ही मानता हूं, और अंततः अवसर मिलने पर यह संविधान की रक्षा और संरक्षण में परिणत होगी... अब तक, मैं संविधान की रक्षा कर रहा था और यही एक न्यायाधीश को दिलाई जाने वाली शपथ है।” उन्होंने जोर दिया कि लोकतंत्र विचारों के टकराव से मजबूत होता है, न कि व्यक्तियों के बीच संघर्ष से। रेड्डी ने संसद में गतिरोध को लोकतंत्र का हिस्सा माना, लेकिन इसे प्रक्रिया का स्थायी हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए।