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बीएमसी चुनाव की तैयारी: सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष की रणनीतियाँ

बृहन्नमुंबई महा नगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव की प्रक्रिया अब शुरू होने वाली है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने समय सीमा निर्धारित की है। सत्तारूढ़ महायुति एकजुट होकर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। जानें इस चुनावी समीकरण में कौन-कौन सी पार्टियाँ शामिल हैं और उनकी रणनीतियाँ क्या हैं।
 

बीएमसी चुनाव की नई समय सीमा

बृहन्नमुंबई महा नगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव की प्रक्रिया अब शुरू होने वाली है। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव की समय सीमा निर्धारित कर दी है, और इस बार समय सीमा का उल्लंघन नहीं होगा। सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसे महायुति कहा जाता है, में चल रही खींचतान के बीच यह सहमति बनी है कि सभी पार्टियाँ एकजुट होकर चुनाव में भाग लेंगी, यानी वे अलग-अलग चुनाव नहीं लड़ेंगी।


विपक्ष की चुनावी रणनीति

विपक्षी महाविकास अघाड़ी में अलग-अलग चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है। कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना सभी अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही हैं। उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ एक गठबंधन भी बनाया है।


सत्तारूढ़ गठबंधन में खींचतान

सत्तारूढ़ गठबंधन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भाजपा के केंद्रीय नेता इस स्थिति में संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं। फड़नवीस ने स्पष्ट किया है कि महायुति की पार्टियाँ एक साथ चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, यह भी सच है कि मुंबई महानगर में एकनाथ शिंदे का कोई खास आधार नहीं है।


चुनाव में उम्मीदवारों का वितरण

सूत्रों के अनुसार, शिंदे को ठाणे में अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी, जबकि अजित पवार को कोल्हापुर और पुणे जैसे क्षेत्रों में अधिक उम्मीदवारों के साथ चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। मुंबई और नागपुर जैसे शहरों में भाजपा के अधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगे। यह फॉर्मूला केंद्र की ओर से तय किया गया है कि जिस पार्टी का जिस क्षेत्र में प्रभाव अधिक है, वह गठबंधन का नेतृत्व करेगी।


भाजपा की नई संभावनाएँ

यह ध्यान देने योग्य है कि लगभग तीन दशकों में पहली बार भाजपा बीएमसी में अपने नियंत्रण की संभावना देख रही है।